बिहार में 75 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव विधानसभा में पास, किसी ने नहीं किया विरोध
सदनों से पारित होने के बाद ये विधेयक स्वीकृति के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के बाद रिजर्वेशन का दायरा बढ़ाए जाने की घोषणा की थी. इसके बाद कैबिनेट ने भी इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी.
नई दिल्लीः बिहार विधानसभा में अब 75% आरक्षण को मंजूरी दे दी गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसका विरोध नहीं किया. बिहार में अब अनारक्षित कोटा मात्र 25% बच गया है. शीतकालीन सत्र के चौथे दिन आरक्षण संशोधन विधेयक पारित हो गया. भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने भी इसका समर्थन किया. कास्ट सर्वे रिपोर्ट के बाद सीएम नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा की थी.
बिहार में अब 75 फीसदी आरक्षण
बिहार विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक- 2023 पेश किया गया था. इसमें सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 15 प्रतिशत अतिरिक्त आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था है. सदनों से पारित होने के बाद ये विधेयक स्वीकृति के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के बाद रिजर्वेशन का दायरा बढ़ाए जाने की घोषणा की थी. इसके बाद कैबिनेट ने भी इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी.
जाति सर्वे आने के बाद हुआ खुलासा
दरअसल, बिहार विधानमंडल में जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने के कुछ घंटों बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक की. इसमें पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए राज्य में आरक्षण 75 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर दिया. इसके बाद इसे सदन से भी पारित करा लिया गया.
बिहार विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक- 2023 पेश किया गया था. इसमें सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 15 प्रतिशत अतिरिक्त आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था है. सदनों से पारित होने के बाद ये विधेयक स्वीकृति के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के बाद रिजर्वेशन का दायरा बढ़ाए जाने की घोषणा की थी. इसके बाद कैबिनेट ने भी इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी.
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