दिल्ली: भाजपा से निष्कासित उन्नाव के विधायक कुलदीप सेंगर को रेप और अपहरण के केस में आज सजा सुनाई जा सकती है. माना जा रहा है कि उनको 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. अदालत ने उन्हें POCSO एक्ट के तहत दोषी करार दिया था.


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दुष्कर्म कांड की कलंक गाथा



पहले 4 अप्रैल 2018 को दुष्कर्म पीड़िता के पिता को पीटा गया, पुलिस ने घायल के विरुद्ध रिपोर्ट लिख अस्पताल भेजा. 7 अप्रैल 2018 को विधायक, उसके भाई व अन्य पर मुकदमा दर्ज करने की मांग कर पीड़िता ने सीएम आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया. 8 अप्रैल 2018 को दुष्कर्म पीड़िता के पिता को जेल से अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. इसके बाद केस दर्ज किया गया. 


पीड़िता ने उचित मुआवजा देने की मांग की


पीड़िता के वकील ने पीड़िता के लिए उचित मुआवजा देने की मांग भी की थी, जिसका सेंगर के वकील ने विरोध किया था. इसके बाद अदालत ने कहा था कि मामले में कितना उचित मुआवजा हो सकता है यह दोनों पक्षों की आर्थिक हालात को देखते हुए तय किया जा सकता है. लिहाजा, पीड़िता के आर्थिक हालात कैसे हैं इस बारे में पीड़िता के वकील से जानकारी मांगी गई थी.



कुलदीप सेंगर की ओर से की गयी रहम की मांग


कुलदीप सेंगर के वकील ने कहा कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का पूरा जीवन जनता की सेवा में समर्पित रहा. 2002 से लगातार कुलदीप सेंगर को एमएलए चुना जा रहा है। विधायक ने इस दौरान कई विकास कार्य किए हैं. कम सजा के पक्ष में तर्क दिया कि विधायक का तिहाड़ जेल में अभी तक का व्यवहार अच्छा रहा है.


दोषी करार कर चुकी है अदालत


आपको बता दें कि कुलदीप सिंह सेंगर को रेप (IPC की धारा 376) और पोस्को एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि मौजूद केस में वह सारी मजबूरियां और लाचारियां हैं जो दूरदराज में रहने वाली ग्रामीण महिलाओं के सामने अक्सर आती हैं. 


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