नई दिल्लीः कतर में मौत की सजा पाने वाले भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों को लेकर उम्मीद की किरण जगी है. दरअसल उनको दी गई मौत की सजा के खिलाफ दायर की गई याचिका को मंजूर कर लिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस पर जल्द ही सुनवाई शुरू हो जाएगी. इस मामले में भारत सरकार ने लगभग 15 दिन पहले इन नौसैनिकों को सुनाई गई मौत की सजा के खिलाफ अपील की थी.


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हालांकि याचिका स्वीकार किए जाने के संबंध में भारत सरकार और कतर की ओर से किसी भी तरह की पुष्टि नहीं की गई है. 


कतर सरकार के लगातार संपर्क में है भारत
बता दें कि बीते 9 नवंबर को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस मामले में हायर कोर्ट में अपील दायर किए जाने की जानकारी दी थी. उन्होंने यह भी बताया था कि पूर्व नौसैनिकों से बातचीत करने के लिए दूसरा कॉन्सुलर एक्सेस भी मिल गया है. चूंकि यह काफी संवेदनशील मसला है इसलिए भारत सरकार कतर के लगातार संपर्क में है.


पूर्व नौसैनिकों पर जासूसी का आरोप
कतर में जिन आठ पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई गई है, उन पर जासूसी का आरोप था. एक ब्रिटिश अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि इन पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप था. वहीं एक अन्य मीडिया एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि आठों भारतीय पूर्व नौसैनिकों पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी इजरायल से साझा करने का आरोप था. 


कतर को मनाने की कवायद
रिपोर्ट्स की मानें तो भारत सरकार इस मामले में कतर को मनाने के लिए तुर्की और अमेरिका की मदद ले रहा है. भारत सरकार ने मध्यस्थता के लिए तुर्की से बात की है. सभी आठों नौसैनिक रक्षा सेवाएं प्रदान करने वाली एक निजी कंपनी में काम करते थे. यह कंपनी कतर की नौसेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करती है.


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