नई दिल्ली: हिंदुस्तान को कई वर्षों से राफेल जैसे उत्कृष्ट श्रेणी के लड़ाकू विमान की आवश्यकता थी लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति न होने के कारण कोई भी पुरानी सरकार राफेल डील नहि कर सकी. पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद राफेल को वायुसेना में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हुई. कांग्रेस द्वारा अनेक अड़ंगे लगाने के बावजूद मोदी सरकार राफेल को भारत लाने में सफल रही.


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10 सितंबर से वायुसेना के हिस्सा बन जायेगा राफेल


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राफेल लड़ाकू विमानों को औपचारिक रूप से 10 सितंबर को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में हरियाणा के अंबाला हवाई अड्डे पर एक समारोह में शामिल करेंगे. इसके लिए फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पैली को भी आमंत्रित किया जाएगा. रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह समारोह रूस से रक्षा मंत्री की वापसी के बाद आयोजित किया जाएगा.


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फ्रांस के रक्षामंत्री को किया गया आमंत्रित


आपको बता दें कि इस भव्य और ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए फ्रांस के रक्षामंत्री को भी निमंत्रण भेजा गया है. भारत को राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस से ही मिला है. राफेल विमान को वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल करने वाला समारोह 10 सितंबर को आयोजित किया जाएगा.


गौरतलब है कि भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक दोस्ती को चिह्नित और ऐतिहासिक मजबूती देने के लिए फ्रांस के रक्षा मंत्री को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए निमंत्रण भी भेजा जा रहा है.


29 जुलाई को 5 राफेल आ चुके हैं भारत


आपको बता दें कि पांच राफेल लड़ाकू विमान 29 जुलाई को फ्रांस से भारत पहुंचे थे और देश में 24 घंटों के भीतर व्यापक प्रशिक्षण शुरू कर दिया था. ये फ्रांसीसी लड़ाकू विमान वायु सेना के 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं. लड़ाकू विमान पहले ही लद्दाख क्षेत्र में उड़ान भर चुके हैं.