गुवाहाटी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी सांसद राहुल गांधी की न्याय यात्रा महज पांच दिन बाद शुरू होने वाली है. लेकिन उनकी इस यात्रा की शुरुआत को लेकर मणिपुर सरकार की तरफ से हरी झंडी नहीं मिल रही है. दरअसल 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' की शुरुआत मणिपुर की राजधानी इंफाल से ही होनी है. इस संबंध में यात्रा शुरू करने की अनुमति अभी तक नहीं मिली है. राज्य सरकार ने कांग्रेस को सूचित किया है कि उसका आवेदन केंद्र को ‘अनुमोदन’ के लिए भेजा गया है.


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इस संबंध में पार्टी संगठन महासचिव केके वेणुगोपाल का कहना है कि मणिपुर में जातीय हिंसा से प्रभावित लोगों के ‘घावों पर मरहम लगाने’ के मकसद से यात्रा शुरू करने के लिए मणिपुर को चुना गया है. कांग्रेस की मणिपुर इकाई ने एक सप्ताह पहले अनुमति के लिए मुख्य सचिव को आवेदन दिया था. आज, वे हमें बता रहे हैं कि मंजूरी नहीं दे सकते और हमारा आवेदन मंजूरी के लिए दिल्ली भेजा गया है.


केसी वेणुगोपाल ने पूछे सवाल
कांग्रेसी दिग्गज ने सवाल पूछा है कि किसी राजनीतिक दल की बैठक को मंजूरी देना केंद्र सरकार का कर्तव्य है? वेणुगोपाल ने दावा किया कि इस राज्य के एक स्कूल में सार्वजनिक बैठक आयोजित करने की अनुमति भी रद्द कर दी गई है. अनुमति में देरी या अनुमति नहीं मिलने से कार्यक्रम को अधिक प्रचार मिल रहा है.


करीब दो महीने चलेगी यह यात्रा
बता दें कि तय कार्यक्रम के अनुसार राहुल गांधी 14 जनवरी को इंफाल से यह यात्रा शुरू करेंगे. यात्रा का समापन 20 मार्च को होगा. पहली बार हुई भारत जोड़ो यात्रा से इतर इस बार राहुल गांधी बस से यात्रा करेंगे. कई जगह वो पैदल यात्रा भी करेंगे. राहुल गांधी 15 जनवरी की शाम को नागालैंड पहुंचेंगे और राज्य के कम से कम चार जिलों से होकर गुजरेंगे.18 जनवरी को राहुल असम जाएंगे.


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