नई दिल्लीः केरल में सत्तारूढ़ माकपा की छात्र इकाई एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को वायनाड में कांग्रेस नेता और स्थानीय सांसद राहुल गांधी के कार्यालय में तोड़फोड़ की और एक कर्मचारी के साथ मारपीट भी की. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यह घटना ऐसे समय हुई, जब वहां पुलिस मौजूद थी.


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स्टाफ को पीटने का लगाया आरोप
कांग्रेस के वायनाड जिला अध्यक्ष एन.डी. अप्पाचेन ने कहा कि गांधी के कार्यालय में एक स्टाफ सदस्य को पीटा गया. प्रदर्शनकारी पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों के 'बफर जोन' के मुद्दे पर राहुल के कथित रूप से कार्रवाई करने में विफल रहने पर नाराज हैं. उन्होंने नारेबाजी की कि वायनाड को विजिटिंग एमपी की जरूरत नहीं है.



वायनाड के पहाड़ी जिले में विभिन्न पारिस्थितिक रूप से नाजुक स्थान हैं.


हिंसक विरोध की जगह नहींः पी विजयन
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा: "केरल एक ऐसी जगह है जहां लोग लोकतांत्रिक तरीके से विरोध कर सकते हैं, लेकिन किसी भी परिस्थिति में इसे (विरोध) हिंसक नहीं होना चाहिए और अगर ऐसा होता है, तो यह स्वीकार्य नहीं है. गलत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."


अप्पाचेन ने शुक्रवार को कहा कि जब उन्हें एसएफआई के संभावित विरोध मार्च के बारे में पता चला तो उन्होंने जिला पुलिस के शीर्ष अधिकारी को फोन किया और कहा कि पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए.


"लेकिन क्या हुआ, सिर्फ आधा दर्जन पुलिस अधिकारी थे और एसएफआई के छात्रों ने तबाही मचाई. पुलिस केवल देख रही थी. मुख्यमंत्री विजयन बफर जोन पर कुछ भी करने में विफल रहे. यह निंदनीय है."


जैसे ही हाथापाई जारी रही, पुलिस का एक बड़ा बल आया और कुछ छात्रों को गिरफ्तार कर लिया, और इस सब के बीच, माकपा की युवा शाखा डीवाईएफआई के कार्यकर्ता एसएफआई प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग करने पर पुलिस के साथ बहस करने लगे.


राहुल गांधी के कार्यालय के कर्मचारी ऑगस्टीन को एसएफआई के छात्रों ने पीटा और उन्हें अस्पताल ले जाया गया.


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