नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में 14 जनवरी से शुरू हुए रायसीना डायलॉग 2020 का आज आखिरी दिन है. इस चर्चा में आतंकवाद के मुद्दे ने खूब जोर पकड़ा. इस वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था पर बातचीत के लिए इस सम्मेलन में 100 देशों से करीब 700 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. आज समापन समारोह के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस डायलॉग्स को संबोधित करेंगे.


ब्रिटेन ने पाकिस्तान को लताड़ा


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रायसीना डायलॉग्स में शामिल ब्रिटेन के राजनयिक गैरेथ बायले ने ये साफ कर दिया है कि पाकिस्तान में आतंकवाद पनप रहा है. और इससे पाकिस्तान ही नहीं बल्कि मध्य एशिया की सुरक्षा को गंभीर खतरा है.


गैरेथ बायले ने इस दौरान कहा कि 'मैं 2018 के वो आंकड़े बताना चाहता हूं जब 340 भारतीयों ने आतंकी घटनाओं में अपनी जान गंवा दी. ग्रेट ब्रिटेन भारत के इस दर्द को समझता है और हमारी संवदना और सहानुभूति भारत के साथ है. ये साफ है कि आतंकी संगठन पाकिस्तान में सक्रिय हैं. ये आतंकी पाकिस्तान की सरकार और दक्षिण एशिया  के सुरक्षा तंत्र के लिए भी गंभीर समस्या पैदा कर रहे हैं.'



रावलपिंडी में बैठे जनरल को निशाना बनाने की सलाह


वहीं रायसीना डायलॉग्स में शामिल MOBY ग्रुप के सीईओ साद मोहसेनी ने अमेरिका पर सवाल उठाते हुए पूछा कि जब वो कासिम सुलेमानी को निशाना बना सकते हैं तो फिर रावलपिंडी में बैठे जनरल को क्यों नहीं बनाते. अफगानिस्तान में तालिबान समस्या का जिक्र करते हुए मोहसेनी ने कहा कि अमेरिकी सीनेट भी जानता है कि ISI ने किस तरह से तालिबान को खड़ा होने में मदद की है.


पाकिस्तान समझ ले कि हिंदुस्तान अब बदल चुका है और अपने दुश्मनों को चुन चुन कर मारता है. सवाल यही है कि क्या अब भारत भी अपने दुश्मनों का अंत अमेरिका की तरह करने जा रहा है? क्या हिंदुस्तान के कमांडो पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को मारने का ऑपरेशन करेंगे? ऐसा हम इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया है.


इसे भी पढ़ें: आतंकवाद के खात्मे के लिये भारत अपनाएगा अमेरिकी शैली


उन्होंने कहा है कि 'हमें भी वैसा ही कदम उठाने की जरूरत है जैसा अमेरिका ने 9/11 के हमले के बाद लिया था. आतंकवाद के खिलाफ अब अंतर्राष्ट्रीय तर्ज पर निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी. देश में सभी को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट करना होगा. आपको आतंकवाद की शक्ति कम करनी होगी. साथ ही वैसे लोग, वैसे देश को अलग-थलग करना जरूरी है जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं.' CDS के इस बयान से समझा जा सकता है कि आतंकियों के खात्मे के दिन नजदीक आ गए हैं.


इसे भी पढ़ें- रायसीना डयलॉग 2020: भारत आए बांग्लादेशी सूचना मंत्री, समझौते पर हस्ताक्षर