नई दिल्ली: भारत में कोरोना संक्रमण के कारण अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. केंद्र सरकार की पूरी कोशिश है कि किसी भी तरह से कारोबार के नुकसान को कम करके आर्थिक वृद्धि को गति दी जा सके. इसके लिए मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ के ऐतिहासिक आर्थिक पैकेज की भी घोषणा की है. आर्थिक संकट पर चिंता जताते हुए पूरी निष्ठा और सकारात्मक जोश के साथ केंद्र सरकार काम करने में जुट गई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कई अहम बातें देश से साझा की.


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रेपो रेट में कई गयी कटौती


गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि पिछले तीन दिन में एमपीसी ने घरेलू और ग्लोबल माहौल की समीक्षा की. इसके बाद रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती का फैसला लिया गया है. लॉकडाउन में यह दूसरी बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट पर कैंची चलाई है. इससे पहले 27 मार्च को आरबीआई गवर्नर ने 0.75 फीसदी कटौती का ऐलान किया था. उन्होंने स्वीकार किया है कि लॉकडाउन से ​आर्थिक गति​विधियों में भारी गिरावट आयी है क्योंकि छह बड़े औद्योगिक राज्यों में ज्यादातर रेड जोन रहे थे.


जीडीपी ग्रोथ रेट निगेटिव रहने की आशंका



 


आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि दो महीने के लॉकडाउन से देश में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. इंडस्ट्री वाले टॉप-6 राज्यों के ज्यादातर इलाके रेड और ऑरेंज जोन में हैं. इन राज्यों की इंडस्ट्री का आर्थिक गतिविधियों में 60% कॉन्ट्रिब्यूशन होता है.


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उन्होंने कहा कि कोरोना के असर को देखते हुए 2020-21 की पहली छमाही में जीडीपी ग्रोथ निगेटिव रहने का अनुमान है. वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में कुछ तेजी आ सकती है.


अर्थव्यवस्था की स्थिति पर RBI की कड़ी नजर


RBI गवर्नर ने देश को आश्वस्त किया है कि बैंक की देश की अर्थव्यवस्था पर कड़ी नजर बनी हुई है और सरकार के साथ मिलकर इस आर्थिक संकट का सामना करने और इससे बाहर निकलने पर विचार विमर्श जारी है.


पहले भी कर चुके हैं प्रेस कांफ्रेंस


आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से गवर्नर पहले भी प्रेस कांफ्रेंस कर चुके हैं और देश को कई राहत देने का ऐलान भी पहले उन्होंने किया था. आपको बता दें कि पिछले महीने 17 अप्रैल को कोरोना संकट और लॉकडाउन के मद्देनजर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कई राहत का ऐलान किया था.


रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई. अब रिवर्स रेपो रेट 4% से घटकर 3.75% हो गया है. उल्लेखनीय है कि रिवर्स रेपो रेट में कटौती से बैंकों को फायदा होगा. बैंकों को कर्ज मिलने में दिक्कत नहीं होगी.