नई दिल्ली: निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में रोंहिग्याओं की मौजूदगी की खबर पाकर सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं. 


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रोहिंग्याओं में पाए गए कोरोना के लक्षण
दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज में 10 रोंहिग्या मुसलमानों के भी शामिल होने की खबर मिली है. इन्हें अब जाकर जम्मू के नरवाल बाला इलाके से पकड़ा गया है.  ये रोहिंग्या लोग 18 मार्च से जम्मू में अपनी पहचान छिपाकर रह रहे थे. इसमें से 5 में कोरोना वायरस के लक्षण मिले हैं. जिसके बाद इन्हें अस्पताल भेजा गया. 



विदेशियों की वजह से बढ़ गया है कोरोना का खतरा
कोरोना का खतरा, रोहिंग्याओं की मौजूदगी, 8 से ज्यादा देशों के 350 विदेशी नागरिक, लॉकडाउन के बावजूद मजलिस का चलता रहना.  यही वो बातें हैं. जिसके कारण मरकज में हुए कोरोना संक्रमण को सिर्फ जाहिलपन या लापरवाही कहकर नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है. इसक पीछे साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. 


तबलीगियों ने फैलाया कोरोना
इस वक्त पूरी दुनिया में तबलीगी जमात के लोगों को कोरोना का सबसे बड़ा करियर बताया जा रहा है. सवाल है कि जब सऊदी अरब ने इस्लाम की सबसे पवित्र जगह काबा को बंद कर दिया है.  जब मक्का मदीना बंद है.  तो फिर तबलीगी जमात के लोग अलग-अलग देशों में घूमकर कोरोना का संक्रमण क्यों फैला रहे हैं. 
ईरान जैसे देशों ने जुमे की सामूहिक नमाज पर रोक लगा दी है. कई इस्लामिक मुल्कों ने लोगों के एक जगह एक साथ जमा होने पर रोक लगा दी है. लेकिन तबलीगी पूरी तरह बेलगाम हैं.


जबरदस्त साजिश की आशंका 
तबलीगी जमात के लोग भारत में तीन महीने के अंदर 2000 से भी ज्यादा तादाद में क्यों आए. यही नहीं कोरोना के संक्रमण के इस दौर में हर जगह घूमते भी रहे. उनके साथ रोहिंग्याओं समेंत 8 देशों को नागरिक भी थे. 


रोहिंग्या जमात के लोग बर्मा के बाद भारत में सामूहिक रुप से नरसंहार की साजिश फैलाने में काफी समय से लगे हुए हैं. अब ये आशंका पैदा हो रही है कि कोरोना वायरस के इस दौर में रोहिंग्याओं की दिल्ली में उपस्थिति के पीछे इस्लामी कट्टरपंथियों की इंटरनेशनल साजिश तो नहीं.