नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 96वें स्थापना दिवस पर शुक्रवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया. विजयादशमी के पावन अवसर पर संघ प्रमुख ने संघ मुख्यालय नागपुर में शस्त्र पूजा की. हिंदी तिथि के मुताबिक साल 1925 में विजयादशमी के दिन ही आरएसएस की स्थापना हुई थी. 


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इस दौरान आरएसएस प्रमुख ने कहा, 'यह वर्ष हमारी स्वाधीनता का 75वां वर्ष है. जिस दिन हम स्वतंत्र हुए उस दिन स्वतंत्रता के आनंद के साथ हमने एक अत्यंत दुर्धर वेदना भी अपने मन में अनुभव की वो दर्द अभी तक गया नहीं है. अपने देश का विभाजन हुआ, अत्यंत दुखद इतिहास है वो, परन्तु उस इतिहास के सत्य का सामना करना चाहिए, उसे जानना चाहिए.'


ओटीटी प्लेटफॉर्म पर नियंत्रण नहीं
संघ प्रमुख ने अपने संबोधन के दौरान भारतीय परंपराओं, धर्म और वर्तमान इतिहास की निंदा करने के प्रयास जारी हैं. उन्होंने अनियंत्रित ओटीटी प्लेटफॉर्म और ड्रग्स के सेवन को लेकर भी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि कोरोना में बालकों के हाथ में भी मोबाइल आ गया. वे ऑनलाइन क्या देखते हैं और क्या नहीं देखते हैं इसका कोई नियंत्रण नहीं है. ओटीटी प्लेटफॉर्म पर क्या दिखाया जा रहा है, इसका भी कोई नियंत्रण नहीं है. 


'नशीले पदार्थों पर रोक कैसे लगाई जाए'
बकौल मोहन भागवत, 'देश में तरह-तरह के नशीले पदार्थ आते हैं. उनकी आदतें बढ़ रही हैं. उस पर कैसे रोक लगाई जाए, पता नहीं है. उच्च वर्ग से लेकर समाज के आखिरी आदमी तक सबमें भयंकर व्यसन है. और उस काम से आने वाला पैसा देशविरोधी काम में इस्तेमाल होता है. सीमापार के देश उसको प्रोत्साहन करते हैं.


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ऐसे ही बिटकॉइन जैसी करेंसी है, किस राष्ट्र का नियंत्रण है, मुझे नहीं पता. इन सब बातों को नियंत्रित करना, समाज के हित में चलाना और ड्रग्स जैसी चीजों को खत्म करना शासन का काम है और उसे करना होगा.' इस दौरान इजरायली महावाणिज्यदूत कोबी शोशानी (Consulate General of Israel Kobbi Shoshani) भी मौजूद रहे. 


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