बच्चों के प्राइवेट पार्ट के नाम पूछने तक पहुंच गया वामपंथी परिवेश का हमला, स्कूल का उदाहरण देकर मोहन भागवत ने बताई पूरी बात
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने यह पता लगाने की शैक्षणिक कवायद को वामपंथी परिवेश का हमला करार दिया कि क्या केजी (किंडरगार्टन) के छात्र अपने निजी अंगों के बारे में जानते हैं. वह पुणे में एक मराठी पुस्तक ‘जगाला पोखरणारी डावी वालवी’ के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे.
नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने यह पता लगाने की शैक्षणिक कवायद को वामपंथी परिवेश का हमला करार दिया कि क्या केजी (किंडरगार्टन) के छात्र अपने निजी अंगों के बारे में जानते हैं. वह पुणे में एक मराठी पुस्तक ‘जगाला पोखरणारी डावी वालवी’ के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे.
गुजरात के एक स्कूल का दिया उदाहरण
उन्होंने कहा, 'मैं गुजरात में एक विद्यालय में गया था, जहां एक विद्वान ने मुझे एक किंडरगार्टन (केजी) स्कूल का निर्देश दिखाया. इसमें कहा गया था कि शिक्षकों को यह पता लगाने के लिए कहा गया है कि क्या केजी-2 के बच्चे अपने निजी अंगों के नाम जानते हैं. वामपंथी परिवेश का हमला यहां तक पहुंच गया है और यह लोगों की मदद के बिना संभव नहीं है.'
'हमारी संस्कृति पर किए जा रहे हैं हमले'
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि 'हमारी' संस्कृति की सभी पवित्र चीजों पर ऐसे हमले किए जा रहे हैं. भागवत ने कहा, 'अमेरिका में (डोनाल्ड ट्रंप के बाद) नई सरकार बनने के बाद पहला आदेश स्कूल से संबंधित था, जिसमें शिक्षकों से कहा गया था कि वे विद्यार्थियों से उनके लिंग के बारे में बात न करें. विद्यार्थी खुद इसके बारे में निर्णय लें. यदि कोई लड़का कहता है कि वह अब लड़की है तो लड़के को लड़कियों के लिए बने शौचालय का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जानी चाहिए.'
अमेरिकी संस्कृति को दूषित करने में सफल
उन्होंने कहा कि वामपंथी अमेरिकी संस्कृति को दूषित करना चाहते हैं और वे इसमें कामयाब हो गए हैं. उन्होंने कहा, 'वे न केवल हिंदुओं या भारत, बल्कि पूरी दुनिया के विरोधी हैं.'
'लोगों का समर्थन नहीं लेकिन उनकी सोच बढ़ रही'
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संघ प्रमुख ने कहा कि वामपंथियों को अपे अहंकार और दुष्ट प्रवृत्ति पर काफी गर्व होता है. उनके पास लोगों का समर्थन नहीं है और उनके पास धन थोड़ा हो सकता है लेकिन उनकी सोच बढ़ रही है. हम वहां पिछड़ रहे हैं. हमारी दुनिया के बारे में जो भ्रम फैलाया गया है उसे दूर करने की आवश्यकता है.
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