क्या सचमुच महाराष्ट्र में है काला जादू जैसा अंधविश्वास? शिंदे vs उद्धव की जंग जारी
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के मुखपत्र सामना में ये दावा किया गया है कि महाराष्ट्र में शिंदे नीत सरकार के गठन के बाद काला जादू जैसा अंधविश्वास बढ़ा है.
नई दिल्ली: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने मंगलवार को दावा किया कि पिछले साल जून में राज्य में एकनाथ शिंदे-देवेन्द्र फडणवीस की सरकार बनने के बाद से जादू-टोना जैसा अंधविश्वास बढ़ा है. इसने विपक्ष के कुछ नेताओं के साथ हुए हादसों का भी जिक्र किया.
'शिंदे गुट ने की जादू-टोना की विधि'
पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में लिखा, 'मुख्यमंत्री शिंदे और उनके गुट के चालीस विधायक गुवाहाटी के कामाख्या देवी मंदिर गए. वहां उन्होंने जादू-टोना की विधि की. कहा जाता है कि भैंसे की बलि दी गई.' संपादकीय में कहा गया, 'कहते हैं कि यह बलि मुख्यमंत्री पद की स्थिरता के लिए दी गई.'
इसमें कहा गया, 'महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस की खोके सरकार आने के बाद से जादू-टोना, काला जादू, नींबू-मिर्ची आदि अंधश्रद्धा को बढ़ावा मिलता दिखाई दे रहा है. फिलहाल इसी विषय पर चर्चा मंत्रालय और अन्य सरकारी कार्यालयों में होती रहती है.'
शिंदे की सरकार करती है जादू-टोना?
लेख में कहा गया, 'महाराष्ट्र प्रगतिशील विचारधारा वाला राज्य है. इस राज्य में जादू-टोना, सरकारी बंगले पर मिर्ची यज्ञ जैसी अघोरी प्रथा के लिए स्थान नहीं है. लेकिन जब से शिंदे की जादू-टोना सरकार सत्ता में आई है, राजनीतिक विरोधियों की दुर्घटना व घात-आघात की संख्या अचानक बढ़ने लगी है.'
संपादकीय में कहा गया कि इन घटनाओं का संबंध यदि लोग सरकार समर्थित जादू-टोना से जोड़ रहे हैं तो यह ठीक नहीं है. हालांकि, अखबार ने अपने लेख में विपक्षी दल के नेताओं के साथ हाल में हुई घटनाओं का जिक्र किया. इसने लिखा, 'पुणे शहर में एक कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलन के दौरान सांसद सुप्रिया सुले की साड़ी में आग लग गई.'
लिफ्ट दुर्घटना में बाल-बाल बचे अजित पवार
संपादकीय में कहा गया, 'नेता प्रतिपक्ष अजित पवार एक विचित्र लिफ्ट दुर्घटना में बाल-बाल बचे. पवार तीसरी मंजिल से चौथी मंजिल पर जा रहे थे. इसी बीच बिजली चली गई और चौथी मंजिल पर पहुंचने से पहले ही लिफ्ट धड़ाम से नीचे गिर गई.'
लेख के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट नागपुर में अधिवेशन के दौरान एक दुर्घटना में घायल हो गए और दाहिने कंधे में चोट लगाने से वह आज भी ठीक नहीं हैं.
बीड़ जिले में एक बड़ी दुर्घटना में विपक्ष की बुलंद आवाज धनंजय मुंडे की कार चकनाचूर हो गई. मुंडे बाल-बाल बच गए, लेकिन छाती की टूटी पसलियों के कारण वह अस्पताल में बिस्तर पर पड़े हैं. शिवसेना के संजय राउत को भी नाहक जेल जाना पड़ा, वह इसी राजनीतिक जादू-टोने के चलते. विनायक मेटे की भी दुर्घटना में मृत्यु हो गई.
(इनपुट: भाषा)
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