Chandigarh elections horse-trading: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पिछले महीने विवादास्पद चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान डाले गए मतपत्रों को मंगलवार को उसके सामने पेश करने का निर्देश दिया और कहा कि वह खरीद-फरोख्त की रिपोर्टों से बहुत चिंतित है. साथ ही सर्वोच्च अदालत ने मतपत्रों से छेड़छाड़ के आरोपी रिटर्निंग अधिकारी को चेतावनी देते हुए कहा कि आपके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए.


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भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) धनंजय वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने यह भी कहा कि वह नए चुनाव का आदेश देने के बजाय पहले से डाले गए वोटों के आधार पर परिणाम घोषित करने पर विचार कर सकती है. मामले की सुनवाई मंगलवार दोपहर 2 बजे होगी.


CJI के साथ न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा वाली पीठ ने कहा, 'हम अखबार भी पढ़ते हैं. हम हो रही खरीद-फरोख्त को लेकर बेहद चिंतित हैं.' यह टिप्पणी चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी (आप) के तीन पार्षदों के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने और मेयर मनोज सोनकर के इस्तीफा देने के एक दिन बाद आई है.


CJI ने कहा था, 'हम इसे कल (मंगलवार) सूचीबद्ध करेंगे और मतपत्र देखेंगे और तय करेंगे कि क्या करना है. खरीद-फरोख्त का यह जो पूरा कारोबार चल रहा है, वह बहुत परेशान करने वाला है. वोटों की गिनती का पूरा वीडियो भी कल दोपहर में देखा जाएगा.'


अनिल मसीह से सवाल जवाब
शीर्ष अदालत ने चुनाव का संचालन करने वाले व्यक्ति, भाजपा पदाधिकारी अनिल मसीह से भी पूछताछ की, जिन्होंने विवादास्पद रूप से आठ वोटों को अवैध घोषित कर दिया था. मसीह ने अपना बचाव करते हुए कहा कि वह केवल विरूपित मतपत्रों को चिह्नित कर रहे थे. लेकिन पीठ ने चेतावनी दी कि अधिकारी ने जो काम किया वो बेहद गंभीर था और उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए. 


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