भोपाल: मध्य प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक घमासान जारी है. कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग करने के आरोप लगाए थे. दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव हार चुके और मध्यप्रदेश की राजनीति में हाशिये पर खड़े ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक गुट ने कमलनाथ सरकार पर नजरें तिरछी कर ली हैं. लेकिन मजबूरी में उन्होंने कमलनाथ सरकार के पक्ष में बयान जारी किया है. 


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मध्यप्रदेश सरकार को बताया स्थिर



 


बयान जारी करके कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सरकारें अस्थिर करना बीजेपी की पुरानी प्रथा है, लेकिन वे सफल नहीं होंगे. पूरी कांग्रेस एक साथ है और मध्य प्रदेश सरकार को कोई खतरा नहीं है. बडी बात ये है कि कांग्रेस के जो विधायक कमलनाथ सरकार से खफा बताए जा रहे हैं वे सभी सिंधिया के गुट के हैं.


कमलनाथ सरकार पर हमलावर रहते हैं सिंधिया


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य के बागी तेवर कमलनाथ सरकार पर हमेशा तल्ख रहे हैं. कई बार वे कमलनाथ सरकार को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं और कड़ी चेतावनी तक दे चुके हैं. सिंधिया ने ग्वालियर में मुख्यमंत्री कमलनाथ को चेतावनी देते हुए कहा था कि मैं जनता का सेवक हूं और जनता के मुद्दों के लिए लड़ना मेरा धर्म है. जिन मुद्दों को कमलनाथ ने अपने वचन पत्र में शामिल किया है उन्हें पूरा करना ही होगा. अगर ऐसा नहीं होगा तो हमें सड़क पर उतरना होगा और प्रतिकार करना होगा.


जानिये क्या है विधानसभा का समीकरण


मध्य प्रदेश विधानसभा की स्थिति पर गौर करें तो कुल 230 विधायकों की विधानसभा में से इस वक्त 228 विधायक हैं. दो सीट विधायकों की निधन के चलते खाली हैं. कांग्रेस के 114 विधायक, बीजेपी के 107, बीएसपी के दो विधायक, समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं. बहुमत 115 पर है. कांग्रेस 121 विधायकों का समर्थन हासिल करने का दावा कर रही है जो फिलहाल सही साबित होता नहीं दिख रहा है.



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