नई दिल्ली: द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का 99 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में अंतिम सांस ली. पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है. 



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शंकाराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को हिंदुओं का सबसे बड़ा धर्मगुरु माना जाता था. उनका जन्म मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में जबलपुर के पास दिघोरी गांव में हुआ था. उन्हें आजादी से पहले जेल भी जाना पड़ा था. उन्होंने देश की आजादी के लिए भी संघर्ष किया और गांधीजी से बहुत प्रेरित थे. 



जगतगुरु शंकराचार्य का 99वां जन्मदिन हरियाली तीज के दिन मनाया गया था. इस बार आश्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य का भव्य जन्मोत्सव मनाया गया था और इसमें पूर्व सीएम कमलनाथ जैसे की बड़े सियासी दिग्गजों ने शिरकत की थी. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के पास बद्री आश्रम और द्वारकापीठ की जिम्मेदारी थी. उनका जब निधन हुआ तब वह अपने आश्रम में ही थे. बताया जाता है कि स्वामी स्वरूपानंद पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे. उनका नरसिंहपुर जिले में स्थित झोतेश्वर आश्रम में ही इलाज चल रहा था. 


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