नई दिल्लीः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार विपक्षी नेताओं के बीच डर पैदा करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है और उन्होंने ईडी को भाजपा का सहयोगी दल बताया. पुणे में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पवार ने 2005 से 2023 के बीच ईडी की कार्रवाइयों के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि संघीय जांच एजेंसी ने इस दौरान 5,806 मामले दर्ज किए और उनमें से केवल 25 का निस्तारण किया. 


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'2014 के बाद नहीं की गई BJP नेता की जांच' 
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मामलों के निस्तारण की दर 0.42 प्रतिशत तथा दोषसिद्धि की दर महज 0.40 प्रतिशत है. ईडी का बजट 2022 में 300 करोड़ रुपये से बढ़कर 404 करोड़ रुपये हो गया है. 2005 से 2023 के बीच दो सरकारें सत्ता में रहीं जिनमें संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) भी शामिल है, जिसका हम हिस्सा थे. संप्रग सरकार में ईडी ने 26 नेताओं की जांच की जिनमें से पांच कांग्रेस के और तीन भाजपा के थे. यह दिखाता है कि संप्रग सरकार में ईडी की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित नहीं थी लेकिन 2014 के बाद एक भी भाजपा नेता की जांच नहीं की गयी.’


'शक पैदा करते हैं ये आंकड़े'
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ये आंकड़े शक पैदा करते हैं कि क्या भाजपा सरकार में ईडी की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने कहा, ‘यह दर्शाता है कि ईडी, भाजपा का सहयोगी दल बन गयी है.’ पवार ने दावा किया, ‘भाजपा नेताओं को पहले से ही ईडी की कार्रवाई के बारे में पता होता है. ऐसा लगता है कि भाजपा आदेश देती है.’


'मनमोहन सरकार ने नहीं किया ईडी का दुरुपयोग'
उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संप्रग सरकार के दौरान ईडी का दुरुपयोग नहीं किया गया लेकिन अब विपक्षी नेताओं के बीच डर पैदा करने के लिए एजेंसी का इस्तेमाल किया जा रहा है. ईडी ने राकांपा (एसपी) विधायक रोहित पवार की कंपनी के मालिकाना हक वाली एक चीनी मिल की संपत्तियां कुर्क की हैं. रोहित पवार, शरद पवार के पोते हैं. ईडी दो बार उनसे पूछताछ भी कर चुकी है.


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