नई दिल्ली: Sharjeel Imam Bail: जेएनयू के पूर्व छात्र, शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन के प्रमुख आयोजकों में से एक एक्टिविस्ट शरजील इमाम को साढ़े चार साल बाद जमानत मिल गई है. शरजील को 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े देशद्रोह मामले में हाई कोर्ट से जमानत मिली है. मामले में वैधानिक जमानत मांगी गई थी. शरजील अधिकतम सात साल की सजा में से चार साल पहले ही जेल में बिता चुके हैं. 


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कड़कड़डूमा कोर्ट ने खारिज की थी जमानत याचिका
पहले शरजील इमाम ने दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट से जमानत की मांग की थी. लेकिन कड़कड़डूमा कोर्ट ने शरजील को वैधानिक जमानत नहीं दी. फिर शरजील ने हाई कोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी. यहां उन्हें जमानत मिल गई है. 


2020 में हुई थी गिरफ्तारी
साल 2022 की जनवरी में दिल्ली की एक अदालत ने शरजील पर देशद्रोह का आरोप लगाने का आदेश दिया था. आरोप लगाया गया कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और दिल्ली के जामिया इलाके में शरजील इमाम ने कथित भड़काऊ भाषण दिए. एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत ने शरजील इमाम के खिलाफ IPC की धारा 124ए (देशद्रोह), 153ए, 153बी, 505 और UAPA की धारा 13 के तहत आरोप तय किए जाने के आदेश दिए थे. शरजील को 2020 में बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया था. 


शरजील इमाम के इस बयान से हुआ विवाद
शरजील इमाम ने अलीगढ़ में विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा, 'असम को इंडिया से काट कर अलग करना हमारी जिम्मेदारी है. Chicken Neck मुसलमानों का है. इतना मवाद डालो पटरी पे की इंडिया की फौज असम जा ना सके. सारे गैर-मुसलमानों को मुसलमानों के शर्त पर ही आना होगा.'


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