नई दिल्ली: 'खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे' शिवसेना की बयानबाजी को देखते हुए ये मुहावरा सटीक बैठगा. बाग़ी विधायकों के खिलाफ शिवसेना ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. कहीं कालिख पोती जा रही है, कहीं तोड़फोड़ की कोशिश हो रही है, कहीं पोस्टर वॉर चल रहा है. मुंबई से लेकर सिंधुदुर्ग तक शिवसैनिक सड़क पर उतर गए. सिंधुदुर्ग के सावंतवाड़ी में शिवसेना के बागी विधायक दीपक केसरकर के दफ्तर में शिवसैनिकों ने तोड़फोड़ की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया.


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मुंबई में शिवसेना ने बाइक रैली निकाली


नागपुर में शिवसैनिकों ने एकनाथ शिंदे के विरोध में प्रदर्शन किया. शिंदे का पुतला फूंका. मुंबई के दादर में शिवसेना ने बाइक रैली निकाली. शिवसैनिकों ने बागी विधायकों के खिलाफ नारेबाजी की.


बागी विधायकों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान शिवसैनिक शब्दों की मर्यादा भूल गए. जूते और गद्दार जैसे लफ्जों का इस्तेमाल किया गया. पुणे में शिवसेना कार्यकर्ताओँ ने जूते मारो आंदोलन किया. वहीं जम्मू में में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने बागी विधायकों के खिलाफ नारेबाजी की.


कुर्सी की खींचतान में राजनीति की मर्यादा भी तार-तार हो रही है. आपको बताते हैं संजय राउत जैसे नेता कैसी-कैसी शब्दावाली का इस्तेमाल कर रहे हैं.


संजय राउत ने धमकी दी या बयान दिया?


1
'मुंबई लौटो तो देख लेंगे'


2
'कब तक छिपोगे गुवाहाटी में'


3
'कभी तो लौटोगे चौपाटी में'


4
'40 मुर्दे हैं वो'


5
'शिवसेना का सिर्फ एक बाप'


6
'आपके 100 बाप'


7
'40 चोरों को जमीन में गाड़ देंगे'


8
'गुवाहाटी में चड्ढी बनियान गुट'


9
'झंडा जेब में रखकर डंडा निकलेंगे'


10
'गद्दारों को जूते मारो...' (शिवसेना कार्यकर्ताओं के नारे)


पूरे महाराष्ट्र में पोस्टर वॉर भी जारी है. ठाणे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समर्थन में पोस्टर लगाए गए तो एकनाथ शिंदे के पोस्टर पर लिखी बातों पर कालिख पोत दी गई. वहीं मुंबई में बागी विधायकों के खिलाफ पोस्टर लगाए गए.


सवाल ये है कि ये विरोध, ये प्रदर्शन, ये आक्रामक बयानबाजियां क्या ट्रेलर है. असली पिक्चर क्या इससे भी ज्यादा बदतर हो सकती है. ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि जिस तरह से शिवसेना की टॉप लीडरशिप बयान दे रही है. जिस तरह के बयान संजय राउत दे रहे हैं. उससे आने वाले वक्त में मुंबई समेत महाराष्ट्र के सड़कों के मंजर का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है.


कभी तो आओगे गुवाहाटी से- संजय राउत


संजय राउत ने ट्वीट कर इसका इशारा दिया. उन्होंने लिखा, 'कब तक छिपोगे गुवाहाटी में आना ही पड़ेगा चौपाटी में..'


शिवसेना सांसद संजय राउत ने ये भी कहा कि जो होना है होने दो, यहां से लो एक इशारे का इंतजार है. संजय राउत किस बात का इशारा कर रहे हैं, अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है. कुछ ऐसा ही इशारा उन्होंने शिवसैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, 'ओरिजनल बालासाहब ठाकरे का नाम कहकर बोलता हूं, 'झुकेंगे नहीं' हम इलेक्शन जीतते है तो ये 40 चोर जमीन में गाड़ देंगे. कल रात को उन लोगों ने बिग बॉस जैसे कपड़े फाड़े. अब वो चड्डी बनियान गुट हो गई है. हिंदुत्व के रक्षण और अखंड महाराष्ट्र का रक्षण करने वाली शिवसेना है.'


'बम्बू सजा कर रखा है'


जब बड़े लीडर्स की ऐसी भाषा है तो बाकियों का क्या कहना. इसी सभा में शिवसेना की एक पार्षद ने भी गुवाहाटी में बैठे विधायकों को खुली धमकी दे डाली. शिवसेना की महिला पार्षद शीतल म्हात्रे ने ये कह दिया कि 'आप आयो तो सही मुंबई स्वागत की तैयार की है, बम्बू सजा कर रखा है, विधानभवन तो यहां से ही जाओगे न.. हम आपके स्वागत के लिए बंदोबस्त करने के लिए तैयार हैं.'


शिवसेना के नेता बार-बार बागी विधायकों को मुंबई लौटने पर देख  लेने की धमकी दे रहे हैं. इन बयानबाजियों के बीच आदित्य ठाकरे ने भी अपने इरादे जाहिर कर दिए. आदित्य ठाकरे ने पूरा भाषण मराठी में दिया मगर एक बात हिंदी मे बोला है. आदित्य ठाकरे ने कहा कि 'हम शरीफ क्या हुए कि सारी दुनिया ही बदमाश हो गई.'


शिंदे गुट के विधायकों की सुरक्षा बढ़ाई गई


शिवसेना के तेवरों को देखते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल ने मुंबई के पुलिस कमिश्नर और महाराष्ट्र के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि एकनाथ शिंदे गुट के सभी विधायक और उनके परिवार को सुरक्षा दी जाए. यही नहीं केंद्र सरकार भी शिंदे कैंप के विधायकों को सुरक्षा देना शुरू कर दिया है.


शिंदे कैंप के विधायक सदा सरवनकर के घर सीआरपीएफ को तैनात कर दिया गया है. ठाणे में विधायक प्रकाश सुर्वे के घर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. मोदी सरकार ने 15 विधायकों को Y+ कैटिगिरी की सुरक्षा दी है. इस बीच महाविकास अघाड़ी सरकार के चाणक्य कहे जाने वाली शरद पवार ने दावा किया है कि सरकार सुरक्षित है. अगर फ्लोर टेस्ट हुआ तो उद्धव सरकार पास हो जाएगी.


महाराष्ट्र की सियासत में अगले दो दिन बहुत अहम होने वाले हैं. आखिरी चालें चली जा रही हैं. देवेंद्र फडणवीस भी पर्दे के पीछे से रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. अब बस अगले कदम का इंतजार है.


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