दिल्ली : नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर मोदी सरकार ने मुहर लगा दी है। सरकार के इस विधेयक का पूरा विपक्ष विरोध कर रहा है। लेकिन हाल ही में कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाने वाली शिवसेना ने इस बिल पर केन्द्र सरकार का समर्थन किया है. शिवसेना की तरफ से संजय राउत ने कहा है कि हमारा रुख हमेशा घुसपैठियों के खिलाफ रहा है. मुंबई में हमने बांग्लादेशियों से सामना किया है. इस मुद्दे पर हम किसी भी सरकार के साथ हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी)  को मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी


पीएम मोदी की अध्यक्षता में संसद भवन में हुई कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गयी. कानून बनाने के लिये बिल संसद में कभी भी पेश किया जा सकता है. माना जा रहा है कि कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इसे सदन में अगले हफ्ते सदन के पटल पर रखा जा सकता है. एक तरफ जहां मोदी सरकार इस बिल को देश से घुसपैठियों को बाहर निकालने का तरीका बता रही है, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष का आरोप है कि इसमें धर्म के आधार पर नागरिकता देने का प्रावधान है जो देश के धर्मनिरपेक्ष ढ़ांचे पर चोट कर रहा है. कांग्रेस का कहना है कि गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देना मुसलमानों के साथ अन्याय है.



संजय राउत ने किया बिल का समर्थन


शिवसेना की तरफ से बिल का समर्थन करते हुए संजय राउत ने कहा कि इस बिल के बारे में हर राज्य की अपनी-अपनी राय है. असम में भाजपा के मुख्यमंत्री ही इस बिल का विरोध कर रहे हैं. हम हमेशा से घुसपैठियों का विरोध करते रहे हैं. बता दें कि विपक्ष का आरोप है कि इस बिल के जरिए भारत के संविधान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.



संसद में पास कराने के लिये पहले भी पेश हो चुका है विधेयक 


आपको बता दें कि इस विधेयक को 19 जुलाई, 2016 को लोकसभा में पेश किया गया था और 12 अगस्त, 2016 को इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया था. कमिटी ने 7 जनवरी, 2019 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. उसके बाद अगले दिन यानी 8 जनवरी, 2019 को विधेयक को लोकसभा में पास किया गया, लेकिन उस समय राज्यसभा में यह विधेयक पेश नहीं हो पाया था. इस विधेयक को शीतकालीन सत्र में पास कराने के लिये सरकार पूरी तैयारी कर रही है.