दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) प्रक्रिया को चुनौती देने वाली नई याचिकाओं पर सुनवाई की. जिसमें विपक्षी दलों की वोटबैंक को साधने की उम्मीदों को झटका देते हुए अदालत ने इस प्रक्रिया पर रोक लगाने से मना कर दिया है.


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CAA पर पहले ही इनकार रोक लगाने से कर दिया था इनकार



 


सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून पर सुनवाई करते हुए कहा था कि फिलहाल इस पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई जाएगी. शीर्ष अदालत ने कहा था कि जब तक देश में विरोध प्रदरेशन शांत नहीं हो जाता तब तक इस पर कोई सुनवाई नहीं होगी.


NPR पर सभी याचिकाएं CAA से सूचीबद्ध


साथ ही सभी नई याचिकाओं को सीएए की अन्य याचिकाओं के साथ सूचीबद्ध किया है, जिसपर की चार हफ्ते बाद पांच सदस्यीय संविधान पीठ सुनवाई करेगी. अब इस विषय पर सभी याचिकाओं की सुनवाई एक ही पीठ करेगी. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि सीएए और नियमों से लाखों भारतीय नागरिकों (मुस्लिमों) को संदिग्ध नागरिक घोषित किए जाने का खतरा है.



पांच सदस्यीय संविधान पीठ गठित होगी


इससे पहले 22 जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि वह सीएए को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र का पक्ष सुने बगैर कोई आदेश नहीं देगा। न्यायालय ने इस कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र को चार हफ्ते का वक्त देते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई पांच सदस्यीय संविधान पीठ करेगी. आपको बता दें कि प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने इस कानून को चुनौती देने वाली 143 याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया और सभी उच्च न्यायालयों को इस मामले पर फैसला होने तक सीएए को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई से रोक दिया.


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