यूपी के चार हजार मदरसों की होगी जांच, SIT गठित, जानें क्या है मकसद
UP Madarsa News: उत्तर प्रदेश में संचालित लगभग 4,000 मदरसों को विदेश से मिलने वाले अनुदान और इसका उपयोग किन गतिविधियों में किया गया, इसकी जांच के लिए यूपी सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. इस बात की जानकारी खुद अधिकारियों की ओर से सोमवार 23 अक्टूबर को दी गई.
नई दिल्लीः UP Madarsa News: उत्तर प्रदेश में संचालित लगभग 4,000 मदरसों को विदेश से मिलने वाले अनुदान और इसका उपयोग किन गतिविधियों में किया गया, इसकी जांच के लिए यूपी सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. इस बात की जानकारी खुद अधिकारियों की ओर से सोमवार 23 अक्टूबर को दी गई.
इन लोगों को बनाया गया SIT का सदस्य
सूत्रों ने बताया कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) मोहित अग्रवाल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है, जिसमें साइबर सेल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की निदेशक भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी जे रीभा को सदस्य बनाया गया है.
विदेशों से अनुदान ले रहे मदरसों की होगी जांच
एडीजी (एटीएस) मोहित अग्रवाल ने बताया कि जांच के लिए SIT गठित की गई है और यह जांच की जाएगी. हालांकि, उन्होंने जांच के विस्तृत ब्योरे की जानकारी नहीं दी. उन्होंने बताया कि राज्य में करीब 24 हजार मदरसे हैं, जिनमें 16 हजार मान्यता प्राप्त और आठ हजार गैर मान्यता प्राप्त हैं. इनमें से उन मदरसों की जांच की जाएगी, जो विदेश से अनुदान ले रहे हैं. यह भी जांच की जाएगी कि अनुदान की राशि का उपयोग किन मदों में किया गया है.
जांच के दायरे में हैं करीब चार हजार मदरसे
सूत्रों की मानें, तो जांच के दायरे में करीब चार हजार मदरसे हैं और इसी सप्ताह इन्हें नोटिस भेजना शुरू कर दिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि बीते कुछ वर्षों में नेपाल सीमा से सटे क्षेत्रों में काफी संख्या में मदरसे खोले गये हैं. उत्तर प्रदेश के सात जिले महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत की सीमाएं नेपाल से लगती है. सूत्रों ने बताया कि एसआईटी अपनी जांच इन्हीं जिलों के मदरसों से शुरू कर सकती है.
देश विरोधी गतिविधियों में हुआ इस्तेमाल
दरअसल, शिकायत मिली है कि विदेश से मदरसों को आर्थिक अनुदान दिया जाता है और इसका इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में किया जाता है. हालांकि, इससे पहले भी मदरसों की विभागीय स्तर पर जांच हुई थी, लेकिन कोई खास नतीजा नहीं निकला था. पिछले साल मदरसों के सर्वेक्षण के बाद, अधिकारियों ने पाया कि सीमावर्ती क्षेत्रों के अधिकांश मदरसों को हाल ही में बड़ी धनराशि मिली थी, लेकिन वे इस राशि का सटीक हिसाब देने में असमर्थ थे.
SIT इन मुद्दों पर करेगी जांच
सूत्रों ने बताया कि एसआईटी ऐसे सभी मदरसों को नोटिस देगी और विदेशी मुद्रा अर्जन खातों (ईईएफसी) में हुए लेनदेन की जानकारी मांगेगी. इसके बाद उन मदरसों को सूचीबद्ध किया जाएगा, जिन्हें विदेशों से धन मिल रहा है और फिर यह जांच की जाएगी कि धन किन देशों से भेजा गया तथा इसका इस्तेमाल किन गतिविधियों में किया गया है. एसआईटी इस बात की भी जांच करेगी कि क्या विदेशी धन का इस्तेमाल आतंक और जबरन धर्म परिवर्तन सहित किसी भी अवैध गतिविधि के लिए किया गया था या नहीं.
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