नई दिल्ली: यह सवाल अब पूरे हिंदुस्तान के सामने है. आखिर सनातनी देवी-देवताओं का अपमान कब तक सहेगा हिंदुस्तान. दरअसल मक्कारी भरी धर्म निरपेक्षता का दिखावा करने वाले दीपिका राजावत जैसे गंदी सोच के लोग हिंदुओं के खिलाफ एक साजिश रचने में लगे हैं. इसी वजह से आए दिन हिंदू-देवी देवताओं पर अभद्र टिप्पणी की जाती है.


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आजादी अभिव्यक्ति की या अपमान की
सोचिए अगर इसी तरह का कुछ इस्लाम के खिलाफ दिखाया जाता तो अंजाम फ्रांस जैसा हो सकता था. जहां एक कट्टरपंथी ने पैगंबर का कार्टून दिखाने पर टीचर का सर काट दिया था.
लेकिन कम से कम भारत में ऐसा नहीं है. कट्टरपंथी की ये कुंठित सोच वहां खत्म हो जाती है.. जहां से हिंदुत्व के दर्शन होते हैं. और इस बार भी हिंदुओं ने सहनशीलता दिखाई है. लेकिन सभी लोगों में गुस्सा बहुत ज्यादा है. जरा देखिए एक तस्वीर कठुआ कांड में पीड़िता की वकील रह चुकीं प्रचार की भूखी दीपिका राजावत ने ट्वीट की.



इसमें दिखाया है.. कि नवरात्र में हिंदू स्त्रियों को पूजते हैं. वहीं और दिनों में स्त्रियों पर अत्याचार करते हैं. वो तस्वीर ऐसी है. जिसे ट्वीट करने पर एक वकील और एक महिला की सोच इतनी गंदी और कुंठित हो सकती है. ये साफ समझ में आ जाता है.


हिंदू संगठनों ने की है गिरफ्तारी की मांग
विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है. ''अभद्र.. अश्लील.. घिनौनी तस्वीर ट्वीट की और विडंबना लिख दिया.. लेकिन दीपिका राजावत को ये समझाना जरूरी हो गया है. कि विडंबना ये है कि वो हिंदू हैं. विडंबना ये है. कि उन्होंने ऐसा ट्वीट इस्लाम के खिलाफ नहीं किया. अगर किया होता तो सीरिया,इराक जैसी तबाही आ गई होती''


प्रचार की भूखी है दीपिका 
अब  दीपिका राजावत को जानिए वो कौन हैं. दीपिका शुरुआत में कठुआ कांड की पीड़िता की वकील थीं. लेकिन बाद में पीड़िता के परिवार वालों ने इन पर पब्लिसिटी का आरोप लगाते हुए इन्हें हटा दिया था. लेकिन इनकी घिनौनी मानसिकता फिर से उजागर हुई है. इस बार इन्होंने जो किया है. उसके बाद इनकी गिरफ्तारी की मांग उठने लगी है.. ट्वीटर पर इनके खिलाफ कैंपेन चल रहा है. जिसमें लोग लिख रहे हैं. अरेस्ट दीपिका.



इसके अलावा लोगों ने दो तस्वीर भी ट्वीट की हैं. एक दीपिका की अभद्र टिप्पणी वाली. और दूसरी दीपिका की ईद पर बधाई वाली. जिसमें उसका दोहरा चरित्र दिखता है. 


कथित बुद्धिजीवी गैंग की सदस्य है दीपिका भी
दीपिका राजावत जैसे लोग जहां नवरात्र पर अपनी घिनौनी सोच दिखाती हैं. वहीं ईद पर सैंवई दिखाते हुए सद्भाव और सेकुलर भारत का ढोल पीटती है. जो उसके व्यवहार में बिल्कुल नहीं. 


दीपिका के खिलाफ हिंदू समाज में काफी गुस्सा है. सवाल पूछा जा रहा है.


- कब तक हिंदू सहनशीलता की मिसाल देता रहेगा ? 
- कब तक हिंदू देवी-देवताओं का अपमान होता रहेगा ? 
- कब तक बीमार कथित बुद्धिजीवी घिनौना कांड करते रहेंगे ?
- अपने ही हिंदुस्तान में सनातन धर्म से सौतेला व्यवहार कब तक ?
- अपमान की आजादी कब तक, बहुसंख्यक होने की सजा कब तक ?


आखिर ऐसी कुत्सित और कुंठित सोच वालों पर एक्शन कब होगा. और कब हिंदुओं को सहनशीलता की मूरत मानकर उनके खिलाफ साजिशों का दौर चलता रहेगा.


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