कांग्रेस संसदीय दल की फिर से नेता चुनी गईं सोनिया, राहुल से नेता विपक्ष बनने की अपील
पार्टी की कार्य समिति की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी से आग्रह किया गया कि वह लोकसभा में नेता विपक्ष की जिम्मेदारी संभालें. इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीट जीती हैं.
नई दिल्ली. कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को शनिवार को एक बार फिर से पार्टी संसदीय दल का का प्रमुख चुना लिया गया है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने इसकी जानकारी सूत्रों के जरिए दी है. संविधान सदन (पुरानी संसद) के केंद्रीय कक्ष में हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनिया गांधी को CPC प्रमुख नियुक्त करने का प्रस्ताव पेश किया जिसका पार्टी के सांसदों ने सर्वसम्मति से अनुमोदन किया. इससे पहले पार्टी की कार्य समिति की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी से आग्रह किया गया कि वह लोकसभा में नेता विपक्ष की जिम्मेदारी संभालें. इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीट जीती हैं.
ममता ने कहा-जनादेश NDA के खिलाफ
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने भले ही आज सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया हो, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वह कल ऐसा नहीं करेगा. बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी ‘देखो और इंतजार करो’ की स्थिति में रहेगी और अगर ‘कमजोर और अस्थिर’ NDA सरकार सत्ता से बाहर हो जाती है तो उन्हें खुशी होगी. TMC के नवनिर्वाचित सांसदों की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा-देश को बदलाव की जरूरत है, देश बदलाव चाहता है. यह जनादेश बदलाव के लिए था. हम इंतजार कर रहे हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं. यह जनादेश नरेन्द्र मोदी के खिलाफ है, इसलिए उन्हें इस बार प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहिए था. किसी और को पदभार संभालना चाहिए था.
शपथग्रहण में नहीं शामिल होगी टीएमसी
ममता बनर्जी ने कहा कि नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में TMC शामिल नहीं होगी. ममता ने कहा-बीजेपी अलोकतांत्रिक और अवैध तरीके से सरकार बना रही है. आज भले ही ‘इंडिया’ गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा पेश न किया हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कल वह दावा नहीं करेगा. चलिए कुछ समय तक इंतजार करते हैं. अगर केंद्र की यह अस्थिर और कमजोर सरकार सत्ता से बाहर हो जाती है तो मुझे खुशी होगी. लोकसभा और राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को निरस्त करने की मांग करेंगे.