नई दिल्ली: उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने प्रदूषण नियंत्रण उपायों पर एक आदेश जारी करने में दिल्ली सरकार की ओर से कथित देरी पर अपनी 'नाखुशी' व्यक्त की और निर्देश दिया कि इसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बताया जाए.


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प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार ने की लापरवाही
उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि शहर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए महत्वपूर्ण आदेश अक्टूबर में मुख्य सचिव द्वारा जारी किया जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक जारी नहीं किया गया है. उनके मुताबिक उपराज्यपाल ने इसे 'घोर लापरवाही' करार दिया है.


एक सूत्र ने दावा किया, 'दिल्ली सरकार की ओर से चूक इस वजह से हुई कि पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने करीब एक महीने तक इस तरह के आदेश जारी करने से जुड़ी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए.'


17 नवंबर को वापस कर दी गई थी फाइल
मुख्य सचिव ने उच्चतम न्यायालय के नवंबर 2019 के आदेश और पांच अगस्त 2022 के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के एक आदेश के अनुपालन में 22 अक्टूबर को राय को मंजूरी के लिए फाइल भेजी थी. सूत्र ने कहा, '17 नवंबर को मंत्री की टिप्पणी के बिना फाइल मुख्य सचिव को वापस कर दी गई थी. बाद में, मुख्य सचिव ने उपराज्यपाल को फाइल भेजी और इसे मंजूरी दे दी गई.'


सूत्रों ने बताया कि फाइल को मंजूरी देते हुए उपराज्यपाल ने इस मामले में दिल्ली सरकार की 'घोर लापरवाही' पर 'निराशा और नाखुशी' जताई और कहा कि इसे मुख्यमंत्री और पर्यावरण मंत्री तक पहुंचाया जाए.


सरकार की 'घोर लापरवाही' पर हुई निराशा
उन्होंने कहा कि 'काफी विलंब के बाद' आदेश के अब जारी होने की उम्मीद है. मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश से विभागों के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे निर्माण और विध्वंस के प्रबंधन, अपशिष्ट और धूल नियंत्रण, प्रदूषण हॉटस्पॉट पर पानी के छिड़काव, सड़कों की मरम्मत और उद्योगों को बंद करने समेत अन्य उपाय सुनिश्चित करने को लेकर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करें.
(इनपुट: भाषा)


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