नई दिल्ली. भारत ने श्रीलंका छोड़कर मालदीव भागने में गोटबाया राजपक्षे की मदद करने की खबरों को अफवाह बताया है. भारत ने बुधवार को मीडिया में चल रही उन तमाम खबरों को निराधार और कयास आधारित बताया है जिसमें, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर मालदीव जाने में मदद करने की अफवाहें थी. इसी बीच श्रीलंका में प्रदर्शकारी ससंद की ओर बढ़ रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने पहले ही राष्ट्रपति भवन को अपने कब्जे में ले लिया है. इसी बीच प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से यह जानकारी सामने आई है कि, राष्ट्रपति के भागते ही देश में इमरजेंसी लगा दी गई है.


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श्रीलंका छोड़कर मालदीव भागे गोटबाया राजपक्षे


बता दें कि, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने आज यानी बुधवार को अपने इस्तीफे पर दस्तखत किए. इसके बाद राजपक्षे के अपनी पत्नी सहित श्रीलंका छोड़कर मालदीव जाने की खबरें आई थीं.


राजपक्षे देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण उनके और उनके परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच बुधवार को सेना के एक विमान से देश छोड़कर मालदीव पहुंच गए हैं. श्रीलंका के 73 वर्षीय नेता अपनी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों के साथ सेना के एक विमान में देश छोड़कर चले गए हैं. 


क्या कहा भारतीय उच्चायोग ने 


श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने राजपक्षे की मदद करने की अफवाहों को निराधार बताया और इस मामले में एक ट्वीट भी किया. ट्वीट करते हुए भारतीय उच्चायोग ने कहा कि, ‘‘उच्चायोग मीडिया में आयी उन खबरों को निराधार तथा महज अटकल के तौर पर खारिज करता है कि, भारत ने गोटबाया राजपक्षे को श्रीलंका से बाहर जाने में मदद की.’’


यह दोहराया जाता है कि भारत लोकतांत्रिक माध्यमों और मूल्यों, स्थापित लोकतांत्रिक संस्थानों और संवैधानिक रूपरेखा के जरिए समृद्धि एवं प्रगति की आकांक्षाओं को पूरा करने में श्रीलंका के लोगों का सहयोग करता रहेगा.’’ 


श्रीलंका की वायुसेना के ट्वीट से उड़ी थी अफवाह


बता दें कि इन अफवाहों का दौर श्रीलंका की वायु सेना के एक ट्वीट के बाद शुरू हुआ था. श्रीलंका की वायु सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा था कि, ‘‘सरकार के अनुरोध पर और संविधान के तहत राष्ट्रपति को मिली शक्तियों के अनुसार, रक्षा मंत्रालय की पूर्ण स्वीकृति के साथ राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों को 13 जुलाई को कातुनायके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से मालदीव रवाना होने के लिए श्रीलंकाई वायु सेना का विमान उपलब्ध कराया गया.’’ 


ऐसा बताया जा रहा है कि राजपक्षे नयी सरकार द्वारा गिरफ्तारी की आशंका से बचने के लिए इस्तीफा देने से पहले विदेश जाना चाहते थे. बता दें कि इस वक्त श्रीलंका पिछले सात दशकों में सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिसके कारण लोग खाद्य पदार्थ, दवा, ईंधन और अन्य जरूरी वस्तुएं खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.


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