पीलीभीत: उत्तर प्रदेश की एक रेप पीड़िता ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है. इसमें उसने इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है. 30 वर्षीय महिला ने लिखा है कि, वह न्याय की सारी उम्मीद खो चुकी है. साथ ही आरोप लगाया कि 9 अक्टूबर को पूरनपुर कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने जानबूझकर किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या है पूरा मामला
महिला के मुताबिक, उसने तीन साल पहले तलाक के बाद दूसरी बार चंडीगढ़ के एक 55 वर्षीय किसान से शादी की थी, जो तलाकशुदा भी है. सौतेले बेटे ने अप्रैल में अवैध संबंध के लिए उससे संपर्क किया और तब से उसका बार-बार यौन उत्पीड़न किया गया. उसने आरोप लगाया कि, "उसके सौतेले बेटे ने उसे 'परिणाम' की धमकी दी, जिसने शुरू में उसे चुप रहने के लिए मजबूर किया." जब वह गर्भवती हुई तो उसके पेट में बेरहमी से चोट दी गई. तब जब वह डीएनए टेस्ट के लिए जाना चाहती थी. बाद में, उसे पूरनपुर के एक निजी अस्पताल में गर्भपात के लिए मजबूर किया गया.


पति के दोस्तों पर भी आरोप
पीड़िता ने आगे कहा कि, 18 जुलाई को उसे उसके पति के दोस्त के फार्महाउस ले जाया गया जहां उसके एक रिश्तेदार और दो साथियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया.


पुलिस पर कई आरोप लगाए
उसने आगे दावा किया कि स्थानीय पुलिस और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उसकी लिखित शिकायत को अनसुना कर दिया. फिर उसने अदालत का रुख किया जिसने पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश जारी किया. प्राथमिकी हाल ही में पूरनपुर कोतवाली पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज की गई और उसके पति और सौतेले बेटे सहित पांच लोगों पर आईपीसी की धारा 376-डी (सामूहिक बलात्कार), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (जानबूझकर अपमान) और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया. लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.


इसके बाद महिला ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है. उसने अपने पत्र में कहा कि उसे बार-बार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. उन्होंने पत्र में लिखा, "मैंने काफी संघर्ष किया है और मुझे नहीं लगता कि मुझे कोई न्याय मिलेगा. इसलिए, मैं आपकी (राष्ट्रपति की) अनुमति से अपना जीवन समाप्त करना चाहती हूं." महिला फिलहाल बरेली में अपनी मां, भाई और छह साल के बेटे के साथ रहती है.


पुलिस का क्या कहना है
पुलिस अधीक्षक, दिनेश कुमार प्रभु ने कहा, "यह तथ्यों और सबूतों की परतों के साथ एक जटिल मामला है. हम एक निष्पक्ष जांच कर रहे हैं और इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद, तदनुसार कार्रवाई की जाएगी."

यह भी पढ़ें- गांधी परिवार के एनजीओ पर एक्शन, केंद्र ने राजीव गांधी फाउंडेशन का विदेशी अंशदान लाइसेंस रद्द किया

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.