नई दिल्ली: केंद्र ने गांधी परिवार से जुड़े गैर-सरकारी संगठनों का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द कर दिया है. राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) पर यह कार्रवाई की गई है. विदेशी योगदान में कथित अनियमितताओं के बाद यह एक्शन लिया गया है. सूत्रों ने कहा कि आरजीएफ और आरजीसीटी में कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंपे जाने की संभावना है.
दोनों एनजीओ की प्रमुख सोनिया गांधी
बता दें कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आरजीएफ के प्रमुख हैं, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम सदस्य हैं. सोनिया गांधी आरजीसीटी की भी प्रमुख हैं, राहुल गांधी और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ अशोक एस गांगुली सदस्य हैं.
हो रही थी जांच
गांधी परिवार द्वारा संचालित एनजीओ में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए 2020 में गृह मंत्रालय द्वारा गठित एक अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा की गई जांच के बाद कार्रवाई हुई. 1991 में स्थापित, RGF ने 1991 से 2009 तक स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं और बच्चों, विकलांगता सहायता आदि सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया. इसकी वेबसाइट के अनुसार, इसने शिक्षा क्षेत्र में भी काम किया.
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