नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दो उम्मीदवारों के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) दोबारा कराने के बंबई हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. शीर्ष अदालत के इस आदेश के बाद नीट के नतीजे घोषित होने का रास्ता साफ हो गया है, जिसमें 16 लाख से ज्यादा छात्रों ने हिस्सा लिया था.


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हाईकोर्ट के फैसले से खुश नहीं थी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी


नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था कि हाईकोर्ट के आदेश के कारण परिणामों में देरी हो रही है. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "हम 16 लाख छात्रों के परिणाम को रोक नहीं सकते." पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, "हम तय करेंगे कि (दीवाली की छुट्टी के बाद) फिर से खुलने पर दोनों छात्रों का क्या होगा. इस बीच, हम नोटिस जारी करते हैं और एक काउंटर दाखिल करते हैं."


'छात्रों की नहीं कोई चिंता'


केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि जो भी भ्रम है, उसे ठीक किया जाएगा. पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, "आप अपने मुवक्किलों के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन उन लाखों छात्रों पर विचार नहीं कर रहे हैं, जो परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं."


16 लाख से ज्यादा छात्रों के परिणामों में देरी


अपनी याचिका में, एनटीए ने सोलापुर के दो उम्मीदवारों के लिए फिर से नीट आयोजित करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि परीक्षा शुरू होने से पहले परीक्षा केंद्र पर उनकी टेस्ट बुकलेट और ओएमआर शीट मिश्रित हुई थी. एनटीए ने शीर्ष अदालत में दलील दी थी कि उच्च न्यायालय के आदेश के कारण 16 लाख से अधिक छात्रों के परिणाम घोषित करने में देरी हो रही है.


उच्च न्यायालय ने एनटीए को शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 के लिए दो याचिकाकर्ताओं की नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने और हफ्तों के भीतर परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया था.


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