नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से आधार कार्ड के साथ राशन कार्ड को लिंक नहीं किए जाने के कारण 3 करोड़ राशन कार्ड रद्द किए जाने संबंधी याचिका पर जवाब मांगा है. याचिका पर सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने 'भूख के कारण मौत' के मामलों को बेहद  गंभीर बताया है.


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इस जनहित याचिका(पीआईएल) को देश भर में भुखमरी के कारण हो रही मौत के मामलों को उजागर करने के लिए दायर किया गया है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि आधार कार्ड की अनुपस्थिति के कारण सामाजिक कल्याण योजना के तहत राशन से वंचित होने के बाद लोगों की भुखमरी से मौत हुई है. 


पीठ ने कहा, ये मामला बेहद गंभीर है और वो इसपर विचार करके इस मामले पर अंतिम सुनवाई करेगी. पीठ ने यह भी स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार से मामले में स्पष्टीकरण आधार के मुद्दे की वजह से मांगा गया है. 


साल 2019 में दायर की गई थी याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर 2019 को सभी राज्यों से वैध आधार कार्ड नहीं होने के कारण राशन आपूर्तियों से वंचित किए जाने के कारण लोगों की मौत होने पर जवाब मांगा था. याचिका झारखंड की कोयली देवी ने दायर की है जिनकी 11 साल की बेटी संतोषी की भूख के कारण 28 सितंबर 2018 को मौत हो गई थी. 


याचिका में कहा गया है कि स्थानीय प्रशासन ने उनका राशन कार्ड आधार से नहीं जुड़े होने के कारण रद्द कर दिया था. इसके कारण उनके परिवार को मार्च 2017 से राशन मिलना बंद हो गया था और पूरा परिवार भूखे रहने के लिए मजबूर था, ऐसे में  उनकी बेटी संतोषी की भोजन नहीं मिलने के कारण मौत हो गई थी. 

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