प्रदूषण पर सुप्रीम टिप्पणीः दिल्ली में बड़ों को वर्क फ्रॉम होम, बच्चों का स्कूल? ये कैसी पॉलिसी
सुनवाई के दौरान SC ने बाकी राज्यों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कुछ लोगों से जुर्माना वसूल सरकारी खाते में जमा करना हल नहीं.
नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और पड़ोसी राज्यों की सरकारों से नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपने हमें कहा कि स्कूल बंद हैं लेकिन अखबारों में आ रहा है कि छोटे बच्चे स्कूल जा रहे हैं.
बड़े वर्क फ्रॉम होम करें और बच्चे स्कूल जाएं? कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा ही हाल रहा तो हमें दिल्ली सरकार पर निगरानी के लिए किसी को नियुक्त करना पड़ेगा.
हमें आम लोगों की चिंता
कोर्ट की इस टिप्पणी पर दिल्ली सरकार का पक्ष रख रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने दो मिनट का समय मांगा, तो CJI ने कहा कि हम विपक्ष नहीं हैं जो बेवजह आपकी निंदा ही करते रहें. हमें आम लोगों की चिंता है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्माणाधीन सेंट्रल विष्टा प्रोजेक्ट पर जाने के लिए दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय पर भी सवाल उठाया.
बाकी राज्यों को भी आड़े हाथों लिया
सुनवाई के दौरान SC ने बाकी राज्यों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कुछ लोगों से जुर्माना वसूल सरकारी खाते में जमा करना हल नहीं, आप सब कर बहुत कुछ कर रहे हैं लेकिन कुछ नहीं हो रहा है. CJI ने इस दौरान कहा कि ऐसे लंबे चौड़े आयोग का क्या मतलब है? जब दवा के बावजूद बुखार बढ़ रहा है, हम आपकी नौकरशाही को काम करना नहीं सिखा सकते. कोर्ट ने स्वतंत्र टास्क फोर्स बनाने के संकेत दिए हैं.
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लेना पड़ेगा सख्त एक्शन
सुनवाई के बाद केंद्र, दिल्ली और राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट से 24 घंटे का वक्त मिला है. शुक्रवार सुबह 10 बजे इन सरकारों को प्रदूषण नियंत्रण उपायों पर कोर्ट को कोई ठोस प्रस्ताव देना पड़ेगा. सुनवाई के दौरान CJI ने कहा कि हम इंतज़ार नहीं कर सकते, कल सुबह नियमित समय से आधा घंटा पहले 10 बजे बैठेंगे और आप सब निर्देश लेकर आइए.
उन्होंने कहा कि सॉलिसीटर जनरल हम आपको 24 घंटे दे रहे हैं, जवाब दें, दिल्ली सरकार भी बताए कि क्या बंद है, और क्या खुला है? कितनी सीएनजी बस दी गई? नहीं तो हम कदम उठाएंगे.
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