NEET row:  सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नीट-यूजी 2024 परीक्षा के आयोजन में पेपर लीक और गड़बड़ी का आरोप लगाने वाली याचिकाओं पर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया.


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मेडिकल प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों के बीच सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि मामूली लापरवाही से भी पूरी तरह से निपटा जाना चाहिए.


NEET भारत में मेडिकल और उससे जुड़े शैक्षणिक क्षेत्रों में प्रवेश के लिए मुख्य परीक्षा है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी हर साल यह परीक्षा आयोजित करती है.


NTA और केंद्र को नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने कहा कि 0.001 प्रतिशत की लापरवाही से भी पूरी तरह निपटा जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'अगर किसी की ओर से 0.001 प्रतिशत की लापरवाही है तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए.'


बच्चों की मेहनत को नहीं भूल सकते
न्यायालय ने यह भी कहा कि वह देश की सबसे कठिन प्रवेश परीक्षाओं में से एक की तैयारी के लिए मेडिकल उम्मीदवारों द्वारा की गई मेहनत को नहीं भूल सकता.


ANI के अनुसार, न्यायालय ने कहा, 'बच्चों ने परीक्षाओं की तैयारी की है, हम उनकी मेहनत को नहीं भूल सकते.'


मामले की अगली सुनवाई
मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी. पिछले सप्ताह एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि नीट-यूजी परीक्षा में 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क्स खत्म कर दिए जाएंगे और उम्मीदवारों के पास 23 जून को दोबारा परीक्षा देने का विकल्प होगा. शीर्ष अदालत को बताया गया कि दोबारा ली गई परीक्षा के नतीजे 30 जून से पहले घोषित कर दिए जाएंगे.


यदि इनमें से कोई भी अभ्यर्थी दोबारा परीक्षा नहीं देना चाहता है, तो उसके पिछले अंक बिना अतिरिक्त अंक के बहाल कर दिए जाएंगे.


क्या है मामला?
5 मई को 24 लाख छात्रों द्वारा ली गई मेडिकल प्रवेश परीक्षा के परिणाम 4 जून को घोषित किए गए. परीक्षा के पेपर लीक होने के आरोप जल्द ही सामने आए. 67 छात्रों को 720/720 का पूर्ण स्कोर मिला. 


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