नई दिल्ली: महाराष्ट्र में राजनीतिक अनिश्चितता को खत्म करते हुए शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे ने 30 जून को राज्य के 20वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. शिवसेना में शिंदे के विद्रोह ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के पतन का कारण बना.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ठाकरे ने 29 जून को दिया था इस्तीफा


उद्धव ठाकरे ने 29 जून को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हैरानी तब हुई, जब मीडिया से बात करते हुए, फडणवीस ने घोषणा की कि शिंदे अगले मुख्यमंत्री होंगे.


हालांकि फडणवीस ने घोषणा की थी कि वह नई महाराष्ट्र सरकार में कोई पद नहीं लेंगे, लेकिन भाजपा नेतृत्व ने उन्हें शिंदे के डिप्टी के रूप में नई सरकार में शामिल होने के लिए कहा.


लोगों का मूड जानने के लिए हुआ सर्वे


एकनाथ शिंदे को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने के भाजपा के फैसले के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वे किया.


सर्वे से पता चला कि भारतीय इस मुद्दे पर भाजपा के फैसले के बारे में अपने विचारों में विभाजित थे. सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, 55 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि भाजपा ने शिंदे को नई सरकार का मुखिया बनाकर सही निर्णय लिया है, जबकि 45 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इससे असहमति जताई.


कितने फीसदी लोग इस फैसले के साथ?


सर्वे के दौरान, एनडीए और विपक्षी मतदाता इस मुद्दे पर अपने विचारों में विभाजित थे. एनडीए के 78 प्रतिशत मतदाताओं ने भाजपा के फैसले का समर्थन किया, जबकि 60 प्रतिशत विपक्षी समर्थकों ने फैसले का समर्थन नहीं किया.


जातीय विभाजनों में राय में अंतर स्पष्ट था. जहां 67 फीसदी सवर्ण हिंदुओं (यूसीएच) और 65 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) ने इस फैसले की सराहना की, वहीं 78 फीसदी मुस्लिम उत्तरदाताओं ने पूरी तरह से विपरीत विचार व्यक्त किए.


सर्वे से पता चला है कि अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) इस मुद्दे पर अपनी राय में विभाजित थे. जहां 52 फीसदी एससी उत्तरदाताओं ने भाजपा के फैसले के पक्ष में अपने विचार व्यक्त किए, वहीं 48 फीसदी ने इस कदम का विरोध किया.


इसी तरह, जहां 52 फीसदी एसटी उत्तरदाताओं ने निर्णय को मंजूरी दी, वहीं 48 फीसदी ने एक अलग राय रखी. महाराष्ट्र की सियासत में इस उलटफेर से हर कोई हैरान रह गया.


इसे भी पढ़ें- सड़कों पर ऑटो चलाने वाले एकनाथ शिंदे बने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, कैसा रहा सफर



Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.