नई दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामले में आज का दिन बेहद अहम है. हालांकि सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में आज पेश नहीं की जाएगी, लेकिन दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट में सर्वे के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई होगी. इससे पहले कल (सोमवार को) सर्वे के बाद ज्ञानवापी में शिवलिंग होने का दावा किया गया.


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570 मिनट के सर्वे में 'सबसे बड़ी खोज'?


लगातार 3 दिन तक सर्वे चला, कुल 34200 सेकेंड यानी 570 मिनट सर्वे हुआ. 10 घंटे और 10 मिनट की रिकॉर्डिंग की गई. सबसे बड़े सर्वे में चौंकाने वाला दावा हुआ. सवाल ये है कि आज नहीं तो अब कब सर्वे का सच कोर्ट में पेश होगा. वकील ने कहा है कि कोर्ट से 2-3 दिन का वक्त मांगा जाएगा.


इसके बाद ही ज्ञानवापी का सबसे बड़ा सच सामने आने की उम्मीद है. ज्ञानवापी सर्वे के आखिरी दिन जो कुछ हुआ उसकी उम्मीद शायद हिंदू पक्षकारों को भी नहीं थी. लगातार बीते 2 दिनों से उम्मीद से ज्यादा सबूत मिलने का दावा कर रहे हिंदू पक्षकार ने सर्वे के आखिरी दिन सबसे बड़ा दावा कर दिया.


हिंदू पक्ष के डॉ. सोहनलाल आर्य ने कहा कि 'जिसकी नंदी प्रतीक्षा कर रही थी वो बाबा मिल गए. जो सोचा गया था उससे ज्यादा परिणाम मिला. 15 फीट ऊंचा मलबा है, उसकी जांच करने की मांग की गई है.'


..और सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा


जैसे ही डॉ. सोहनलाल आर्य ने शिवलिंग मिलने का दावा किया, ये खबर वाराणसी सहित पूरे देश में तेजी से फैल गई. खबरें सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगी. उम्मीद थी कि ये पूरा मामला फिलहाल कोर्ट में रिपोर्ट पेश होने के बाद सामने आएगा लेकिन सर्वे में शामिल लोग एक के बाद एक दावे करने लगे.


हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि '12 बाई 4 की परिधि है उसकी, और 3 फीट तक गहरा शिवलिंग है. पानी हटाकर उसको देखा गया.' मामला यही नहीं रुका तुरंत, हिंदू पक्ष के वकीलों ने जहां शिवलिंग मिला उस जगह को सुरक्षित करने के लिए कोर्ट से याचिका दायर की और कोर्ट ने मंजूरी दे दी.


हिंदू पक्ष के वकील दीपक सिंह ने कहा कि 'हम लोगों को जिस जगह पर संदेह था वहां पर हमने माननीय कमिश्नर के माध्यम से कहा गया कि इस जगह की साफ सफाई की जाए. जब साफ सफाई की गई तो वहां पर एक पत्थर मिला जो हमारे हिसाब से शिवलिंग है. जब पानी हटवाया गया तो पता चला कि वही हमारा शिवलिंग है. हमने कोर्ट से कहा है कि इस जगह को सील किया जाए. उसके बाद निर्देशित किया गया है कि इस जगह को सील किया जाए.'


ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने का दावा


कोर्ट ने जो आदेश दिया, उसके तहत कहा गया कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है, उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें, सील किए गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाता है. कोर्ट ने आदेश दिए, हिंदू पक्ष ने अपने-अपने दावे लेकिन मुस्लिम पक्ष का दावा कुछ और ही है.


मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने कहा कि 'विष्णु जैन को ऐसा बयान देने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि कोर्ट की कार्रवाई है. ज​ब तक एडवोकेट कमिश्नर अपनी रिपोर्ट दाखिल नहीं करता तब तक किसी पक्ष के वकील को अपने विचार पेश करने का अधिकार नहीं है.'


यानी मुस्लिम पक्ष हिंदू पक्ष के दावों को गलत बता रहा है. ये तो दोनों पक्षों के दावे है लेकिन इस पूरे मामले पर सर्वे में शामिल कोर्ट कमिश्नर का क्या कहना आपको बताते हैं. कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने कहा कि 'ये गलत हुआ, गोपनीय रिपोर्ट है. कमिश्नर की कार्यवाही गोपनीय होती है, उसे नहीं खोलना चाहिए जब तक माननीय न्यायालय आदेश ना कर दे.'


यानी बीते 3 दिनों से चल रहा ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे आखिरी दिन बेहद खास हो गया. इन तीन दिनों में पूरे ज्ञानवापी मस्जिद का वीडियोग्राफी की गई और ये रिकॉर्डिंग 10 घंटे 10 मिनट की है. वीडियोग्राफी की चिप कोर्ट कमिश्नर को सौंप दी गई है. आज कोर्ट में सर्वे की रिपोर्ट दाखिल नहीं की जाएगी. जब रिपोर्ट जमा होगा, इसके बाद ही सच सामने आने की उम्मीद है.


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