Swachh Survekshan Awards 2022: इंदौर लगातार छठी बार सबसे साफ शहर घोषित, देखिए पूरी सूची
केंद्र के वार्षिक सर्वेक्षण में इंदौर को लगातार छठी बार सबसे स्वच्छ शहर चुना गया, जबकि सूरत और नवी मुंबई ने क्रमश: दूसरा तथा तीसरा स्थान हासिल किया. सर्वेक्षण के परिणामों की घोषणा शनिवार को की गई.
नई दिल्लीः केंद्र के वार्षिक सर्वेक्षण में इंदौर को लगातार छठी बार सबसे स्वच्छ शहर चुना गया, जबकि सूरत और नवी मुंबई ने क्रमश: दूसरा तथा तीसरा स्थान हासिल किया. सर्वेक्षण के परिणामों की घोषणा शनिवार को की गई.
मध्य प्रदेश पहले स्थान पर
‘स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022’ में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों की श्रेणी में मध्य प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया है. इसके बाद छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र का स्थान है. पिछले साल छत्तीसगढ़ को पहला स्थान मिला था. त्रिपुरा 100 से कम शहरी स्थानीय निकायों वाले राज्य की श्रेणी में पहले स्थान पर है. इसके बाद झारखंड और उत्तराखंड हैं.
इंदौर और सूरत ने इस साल बड़े शहरों की श्रेणी में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा, जबकि विजयवाड़ा ने अपना तीसरा स्थान गंवा दिया और यह स्थान नवी मुंबई को मिला.
सूची में आगरा सबसे नीचे
एक लाख से अधिक आबादी वाले शीर्ष 10 शहर हैं: इंदौर, सूरत, नवी मुंबई, जीवीएम विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, भोपाल, तिरुपति, मैसूर, नयी दिल्ली और अंबिकापुर. इस खंड के 100 शहरों की सूची में आगरा सबसे नीचे है. एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में मध्य प्रदेश का गाडरवारा सबसे नीचे रहा.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को यहां एक कार्यक्रम में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए. इस मौके पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य भी मौजूद थे.
1 लाख से कम आबादी वाले शहरों में पंचगनी अव्वल
एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में महाराष्ट्र का पंचगनी पहले स्थान पर रहा. इसके बाद छत्तीसगढ़ का पाटन (एनपी) और महाराष्ट्र का करहड़ रहा. एक लाख से अधिक आबादी की श्रेणी में हरिद्वार गंगा के किनारे बसा सबसे स्वच्छ शहर रहा. इसके बाद वाराणसी और ऋषिकेश रहे.
एनडीएमसी की भी मिला इनाम
सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, गंगा के किनारे बसे व एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में बिजनौर पहले स्थान पर रहा. इसके बाद क्रमशः कन्नौज और गढ़मुक्तेश्वर का स्थान रहा. सर्वेक्षण में, महाराष्ट्र के देवलाली को देश का सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड चुना गया. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद क्षेत्र को ‘देश के सबसे स्वच्छ छोटे शहर’ श्रेणी में प्रथम स्थान दिया गया, जिसकी आबादी एक लाख से तीन लाख के बीच है.
नोएडा 3-10 लाख आबादी की श्रेणी में देश के ‘सर्वश्रेष्ठ आत्मनिर्भर मध्यम शहर’ (बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल मीडियम सिटी) के रूप में उभरा. तिरुपति ने ‘सफाईमित्र सुरक्षित शहर’ की श्रेणी में पहला पुरस्कार हासिल किया. चंडीगढ़ ने ‘फास्टेस्ट मूवर स्टेट/नेशनल कैपिटल या यूटी’ की श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया है, जबकि विजयवाड़ा ‘स्वच्छतम राज्य/राष्ट्रीय राजधानी या यूटी’ की श्रेणी में विजेता रहा.
स्वच्छ सर्वेक्षण का सातवां संस्करण स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की प्रगति का अध्ययन करने और विभिन्न स्वच्छता मानकों के आधार पर शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को रैंक देने के लिए आयोजित किया गया था. हालांकि, सर्वेक्षण 2016 में केवल 73 शहरों के मूल्यांकन के साथ शुरू हुआ था और इस साल 4354 शहरों (62 छावनी बोर्ड और 91 गंगा टाउन सहित) के मूल्यांकन को पूरा करने में कामयाब रहा है.
पश्चिम बंगाल ने नहीं लिया था हिस्सा
सरकार के अनुसार, पश्चिम बंगाल के 126 यूएलबी ने केंद्र सरकार द्वारा किए गए वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में भाग नहीं लिया. अधिकारियों ने बताया कि 19 लाख से अधिक लोगों ने आमने-सामने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान स्वच्छता ऐप, ‘वोट फॉर योर सिटी’ ऐप और माई गोव ऐप जैसे विभिन्न स्रोतों के माध्यम से नौ करोड़ नागरिकों की प्रतिक्रिया प्राप्त की गई.
विशाखापत्तनम सबसे स्वच्छ बड़ा शहर
विशाखापत्तनम को 10-40 लाख आबादी की श्रेणी में भारत के ‘सबसे स्वच्छ बड़े शहर’ के रूप में पहला स्थान मिला. मेरठ 10 लाख से 40 लाख की आबादी की श्रेणी में ‘फास्टेस्ट मूवर बिग सिटी’ बनकर उभरा है. राष्ट्रपति मुर्मू ने इन विजेताओं को बधाई दी. वहीं, केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ शहरी भारत खुले में शौच से मुक्त हो गया है. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के अनुसार, ‘स्वच्छ सर्वेक्षण- 2022’ मूल्यांकन के लिए कुल अंक 7,500 थे.
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