नई दिल्लीः Swami Govindanand Saraswati Biography: ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बीते कुछ महीनों से अपने बयानों की वजह से बेहद सुर्खियों में बने हुए हैं. हाल ही उन्होंने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ छल और धोखा होने की बात कही थी. इसके अलावा केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना चोरी होने की बात भी कही थी और तो और अविमुक्तेश्वरानंद ने हाल ही में हुए राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का भी विरोध किया था. 


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कई लोगों के निशाने पर आ गए हैं अविमुक्तेश्वरानंद 
अपने बयानों की वजह से अविमुक्तेश्वरानंद इन दिनों कई लोगों के निशाने पर आ गए हैं. हाल ही में ज्योर्तिमठ ट्रस्ट के स्वामी श्री गोविंदानंद सरस्वती उन पर भड़क गए हैं और अविमुक्तेश्वरानंद को फर्जी, अपराधी और धोखेबाज बाबा तक बता दिया है. साथ ही स्वामी गोविंदानंद सरस्वती ने अविमुक्तेश्वरानंद को कांग्रेस परस्त भी बताया है. बहरहाल, आइए जानते हैं कि आखिर स्वामी गोविंदानंद सरस्वती कौन हैं. 


ज्योर्तिमठ ट्रस्ट के स्वामी हैं गोविंदानंद सरस्वती
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो स्वामी गोविंदानंद सरस्वती ज्योर्तिमठ ट्रस्ट के स्वामी हैं. गोविंदानंद सरस्वती के पास योग और वेदांत दर्शन को पढ़ाने का 30 वर्षों से अधिक का अनुभव है. स्वामी गोविंदानंद सरस्वती स्वामी विष्णुदेवानंद के शिष्य हैं. उन्होंने साल 1987 में केरल के शिवानंद आश्रम नैय्यर डैम से अपने आश्रम जीवन की शुरुआत की थी. 


भौतिकी और शिक्षा शास्त्र में हासिल की स्नातक की डिग्री
स्वामी गोविंदानंद सरस्वती ने इंटरनेशनल शिवानंद योग वेदांत केंद्र संगठन से योग्य की शिक्षा प्राप्त की है. इसके अलावा उन्होंने भौतिकी और शिक्षाशास्त्र में स्नातक की डिग्री भी हासिल की है. स्वामी शिवानंद सरस्वती अपने जीवन का अधिकांश समय लोगों को योग के प्रति जागरूक करने में बिताते हैं. उन्होंने साल 1987 से 1993 तक केरल के नेय्यर डैम में अपने आश्रम में शिवानंद योग वेदांत संगठन की सेवा की. 


इसके अलावा उन्होंने मदुरै में शिवानंद योग वेदांत मीनाक्षी आश्रम की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और साल 2003 से 2010 तक वहां सेवा की. उन्होंने अपने गुरुओं स्वामी शिवानंद और स्वामी विष्णुदेवानंद के संदेशों को फैलाने के लिए अप्रैल 2010 में संगठन को छोड़ दिया और दक्षिण भारत में आश्रम शिवानंद योग विद्या पीठम की स्थापना की. 


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