नई दिल्ली: तमिलनाडु के एक सरकारी स्कूल में छात्रों ने दलित महिला के हाथों से बना खाना खाने से मना कर दिया. मुख्यमंत्री की और से चलाई जा रही मुफ्त राशन योजना के तहत स्कूल में 15 छात्रों के लिए खाना बना था, लेकिन छात्रों और उनके माता-पिता ने खाने से मना कर दिया. उन्होंने यहां तक कह दिया कि हम स्कूल छोड़ देंगे लेकिन ये खाना नहीं खाएंगे. माता-पिता समझाइश के बाद भी नहीं माने. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या है पूरा मामला
यह मामला तमिलनाडु के करूर जिले का है. सरकारी स्कूल में बने खाने को छात्रों और उनके माता-पिता ने यह कहते हुए मना कर दिया कि खाना एक दलित ने बनाया है. हम स्कूल छोड़ देंगे लेकिन यह खाना बिलकुल नहीं खाएंगे. मामला सामने आने के बाद जिला कलेक्टर टी प्रभु शंकर ने स्कूल का दौरा किया. उन्होंने इनकार करने वाले छात्रों और माता-पिता को एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी.


नहीं माने माता-पिता
मुफ्त खाने की योजना के निदेशक श्रीनिवासन ने माता-पिता से बच्चों को खाना खाने की अनुमति देने का अनुरोध किया. हालांकि, माता-पिता ने श्रीनिवासन का अनुरोध ठुकरा दिया. 30 अगस्त से केवल दो छात्रों ने ही खाना खाना शुरू किया था. बाकी छात्र और माता-पिता अपनी बात पर अड़े रहे. 


25 अगस्त को हुआ था योजना का उद्घाटन
गौरतलब है कि राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मुफ्त खाने की योजना शुरू की थी. प्राइमरी सरकारी स्कूलों में 15.75 लाख छात्रों को फायदा पहुंचाने के लिए यह योजना 25 अगस्त को ही शुरू की गई. 


 


ये भी पढ़ें- Ganesh Chaturthi से नए भवन में शुरू होगी संसद की कार्यवाही, बीच सत्र में होगा बदलाव


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.