`आतंकवाद को किसी धर्म या जातीय समूह से न जोड़ा जाए`, ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों ने इसके सभी रूपों की निंदा की
साउथ अफ्रीका के केपटाउन में जारी ब्रिक्स समूह की बैठक में पांचों देशों के विदेश मंत्रियों ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा की है. ब्रिक्स समूह की बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में आतंकवाद और कट्टरता से पैदा होने वाले सभी खतरे को स्वीकार किया गया.
नई दिल्लीः साउथ अफ्रीका के केपटाउन में जारी ब्रिक्स समूह की बैठक में पांचों देशों के विदेश मंत्रियों ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा की है. ब्रिक्स समूह की बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में आतंकवाद और कट्टरता से पैदा होने वाले सभी खतरे को स्वीकार किया गया.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लिया हिस्सा
केपटाउन में चल रहे इस बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी हिस्सा लिया.जारी बयान में कहा गया है कि ब्रिक्स देशों के मंत्री आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही और आतंकवाद के वित्तपोषण नेटवर्क और सुरक्षित ठिकाने शामिल हैं.
आतंकवाद को किसी धर्म या जातीय समूह से न जोड़ा जाए
इस मौके पर ब्रिक्स मंत्रियों ने दोहराया कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने हथियारों के नियंत्रण, निरस्त्रीकरण और अप्रसार की प्रणाली को मजबूत करने का आह्वान किया.
साथ ही जैविक हथियारों के विकास, उत्पादन और भंडारण पर रोक और उनके विनाश पर कन्वेंशन पर जोर देते हुए कहा कि वैश्विक स्थिरता और अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए ये काफी महत्वपूर्ण है.
ब्रिक्स के ढांचे को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई
ब्रिक्स विदेश मंत्रियों ने राजनीतिक और सुरक्षा, आर्थिक और वित्तीय, और लोगों से लोगों के बीच सहयोग के तीन स्तंभों के तहत ब्रिक्स के ढांचे को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
ब्रिक्स विदेश मंत्रियों के बीच इन मुद्दों पर हुई बातचीत
उन्होंने कहा कि तीन स्तंभ आपसी सम्मान और समझ, समानता, एकजुटता, खुलेपन, समावेशिता और सहमति की विशेषता वाले समूह की भावना को बनाते हैं.इस दौरान ब्रिक्स विदेश मंत्रियों ने प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय रुझानों और मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया.
बयान में कहा गया है कि मंत्रियों ने आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में प्रमुख बहुपक्षीय भूमिका निभाने के लिए जी 20 के महत्व की फिर से पुष्टि की, जिसमें विकसित और विकासशील दोनों देश शामिल हैं, जहां प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं संयुक्त रूप से वैश्विक चुनौतियों का समाधान चाहती हैं.
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