नई दिल्ली: प्रतिबंधित संगठन सिमी यानी स्टूडेन्ट्स इस्लामिक मूवमेन्ट ऑफ इंडिया के फरार सदस्य अजहरुद्दीन उर्फ अजहर की गिरफ्तारी के बाद बड़ा खुलासा हुआ है. 6 साल तक फरार रहे आतंकी के परिजनों के बैंक खाते से कई अहम जानकारियां हाथ लगी है. सिमी के सदस्य अजहर ने अपनी फरारी के दौरान 1 करोड़ रूपये से ज्यादा की रकम अपने परिजनों के अलग-अलग खाते में भेजे हैं.


दोस्तों के बारे में मिले सुराग


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इस मसले की जांच कर रही टीमों को अजहर को मदद पहुंचाने वाले कुछ दोस्तों के बारे में भी सुराग मिले हैं. जिसके पुख्ता होने के बाद उन्हें दबोचने की तैयारी पूरी कर ली गई है. इस मसले को लेकर 'केमिकल अली' के नाम से मशहूर आतंकी के परिजनों और दोस्तों से पूछताछ की जा रही है.


कहां से आएं इतने पैसे?


मामले की जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि जबसे इस बात का खुलासा हुआ है कि उसने इतने वक्त में एक करोड़ से ज्यादा की रकम अपने परिजनों को भेजी है, तबसे उनके अकाउंट को खंगालने का काम तेज हो गया है. इसकी जांच की जा रही है कि इतने सारे पैसे कहां से आए, किन-किन अकाउंट से आए, और कब-कब कितने पैसे भेजे गए हैं. गिरफ्तारी के बाद से आतंकी केमिकल अली जेल में है. अजहर की मदद करने वाले लोगों की सूची तैयार की जा रही है. गिरफ्तारी के वक्त अजहर के पास से यह सब सामान बरामद किए गए थे. जिसकी जांच की जा रही है.



हैदराबाद से हुई थी गिरफ्तारी


बीते अक्टूबर के महीने में पुलिस ने सिमी के फरार सदस्य अजहरुद्दीन उर्फ अजहर को हैदराबाद एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था. जिसके बाद उसे रायपुर लाया गया था. अजहर की तलाश रायपुर की पुलिस बीते साल 2013 से कर रही थी. इसके बाद लगातार 6 साल से पुलिस को उसकी तलाश थी. दरअसल केमिकल अली की गिरफ्तारी के लिए हैदराबाद पहुंचने वाली पुलिस टीम ने एयरपोर्ट अथॉरिटी से बात करके फ्लाइट से उतरने वाले यात्रियों की निगरानी की. और एयरपोर्ट से बाहर निकलते वक्त उसे दबोच लिया गया.



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क्या है आरोप?


पुलिस के हत्थे चढ़े अजहर पर साल 2013 में बोधगया और पटना में हुए विस्फोट का आरोप है. इस घटना के आरोप में 18 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है. 17 को पहले ही दबोच लिया गया था, लेकिन लेकिन प्रमुख आरोपियों में से एक केमिकल अली उस वक्त फरार होने में कामयाब हो गया था. मुखबिर से मिली खबर के बाद आरोपी अजहर को फ्लाइट से उतरने के बाद हैदराबाद एयरपोर्ट पर पकड़ लिया गया. आतंकी केमिकल अली के बाप का नाम नईमुद्दीन उर्फ बाबू खान है. 32 साल का अजहर रायपुर शहर के ही मौदहापारा का रहने वाला है. वह सिमी में कोऑर्डिनेशन का काम करता था. उसे बम बनाने और संगठन के प्रचार प्रसार की भी जिम्मेदारी दी गई थी. उसने बोधगया और पटना में हुए बम ब्लास्ट के बाद आतंकियों को रायपुर में छिपाने में अहम भूमिका निभाई थी.



फिलहाल इसकी जांच की जा रही है कि आतंकी अजहर ने इतने सारे पैसे कहां से अपने परिवारवालों के खाते में भेजे थे. केमिकल अली के साथ-साथ देश में छिपे नकाबपोश आतंकियों की शामत आनी तय है.