`द केरल स्टोरी` पर ममता बनर्जी ने लगाया बैन, तो छिड़ गया सियासी महासंग्राम! जानें किसने क्या कहा
ममता बनर्जी ने ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म के प्रदर्शन पर तत्काल रोक लगाने का सोमवार को आदेश दिया, तो सियासम में कोहराम मच गया है.
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विवादास्पद फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के प्रदर्शन पर तत्काल रोक लगाने का सोमवार को आदेश दिया, ताकि ‘नफरत और हिंसा की किसी भी घटना’ को टाला जा सके. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि फिल्म का प्रदर्शन करने वाले किसी भी सिनेमाघर के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इससे पहले दिन में, बनर्जी ने कहा कि ‘द केरल स्टोरी’ में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, जिसका इरादा केरल को बदनाम करना है.
द केरल स्टोरी के बैन पर बंगाल में 'बवाल'
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, 'नफरत और हिंसा की किसी भी घटना से बचने और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री ने ‘द केरल स्टोरी’ के प्रदर्शन पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. प्रतिबंध संबंधी इस आदेश का उल्लंघन करने वाले किसी भी सिनेमाघर के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.' इस कदम से विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच जुबानी जंग छिड़ गई.
भाजपा ने राज्य सरकार पर अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए अल्पसंख्यक समुदाय को खुश करने का आरोप लगाया, जबकि टीएमसी ने भाजपा पर 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले देशभर में 'सांप्रदायिक विमर्श' बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित यह फिल्म केरल में महिलाओं के एक समूह के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्हें धर्म परिवर्तन और आईएसआईएस में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है.
ममता बनर्जी ने लगाया बदनाम करने का आरोप
फिल्म पांच मई को रिलीज हुई थी. इससे पहले दिन में, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ समाज के एक वर्ग को अपमानित करने के लिए बनाई गई थी, जबकि ‘द केरल स्टोरी’ का उद्देश्य केरल को बदनाम करना है. बनर्जी ने आरोप लगाया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) भाजपा के साथ मिलकर काम कर रही है और इसलिए केरल में सत्ता में रहते हुए भी उसने फिल्म के प्रदर्शन का विरोध नहीं किया.
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि टीएमसी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करती है, लेकिन उसने फिल्म पर प्रतिबंध लगाकर यह साबित कर दिया कि वह किसका समर्थन कर रही है. घोष ने कहा, 'यह फिल्म आतंकवाद और आईएस के खिलाफ है. क्या टीएमसी आतंकवाद का समर्थन कर रही है? यह प्रतिबंध अल्पसंख्यक समुदाय के एक वर्ग को खुश करने के लिए लगाया गया है.'
'फिल्म देखने के लिए बड़ी संख्या में आ रहे दर्शक'
सत्तारूढ़ टीएमसी ने आरोपों को 'निराधार' बताया और भाजपा पर 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले देशभर में 'सांप्रदायिक विमर्श' बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने दावा किया, 'राज्य सरकार पहले ही कह चुकी है कि इस फिल्म का उद्देश्य समाज में विभाजन पैदा करना है. भाजपा के पास कर्नाटक विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विकास के मामले में बताने के लिए कुछ नहीं है और वे एक सांप्रदायिक विमर्श बनाने की कोशिश कर रहे हैं.'
कोलकाता में एक सिनेमाघर के मालिक, जहां फिल्म दिखाई जा रही है, ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, 'फिल्म देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक आ रहे हैं. इससे (प्रतिबंध से) भारी नुकसान होगा.' उन्होंने आशंका जताई कि सिनेमाघर के सामने प्रदर्शन हो सकते हैं और उम्मीद है कि कानून व्यवस्था की स्थिति का ध्यान रखा जाएगा.
(इनपुट- भाषा)
इसे भी पढ़ें- Karnataka Elections 2023: कर्नाटक में थम गया चुनाव प्रचार, जानें किन मुद्दों के इर्द-गिर्द रही सियासत
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.