हिमाचल में सीएम चेहरा चुनना कांग्रेस के लिए नहीं था आसान, दौड़ में शामिल थे ये दावेदार
हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई के भीतर कोई अंतर्कलह नहीं है और मुख्यमंत्री पद के लिए होड़ थी, क्योंकि तीन-चार दावेदार थे. उन्होंने ये भी कहा कि अगर कुछ गलत होता, तो `राजस्थान जैसी स्थिति` हो जाती.
नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई के भीतर कोई अंतर्कलह नहीं है और मुख्यमंत्री पद के लिए होड़ थी, क्योंकि तीन-चार दावेदार थे. उन्होंने ये भी कहा कि अगर कुछ गलत होता, तो 'राजस्थान जैसी स्थिति' हो जाती. सुक्खू ने कहा कि राज्य में कांग्रेस का कोई भी विधायक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल नहीं होगा और पार्टी की सरकार लोगों के वास्ते काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.
जल्द होगा मंत्रिमंडल का विस्तार
उन्होंने कहा कि सरकार मंत्रिमंडल की पहली बैठक में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के वादे को पूरा करेगी. हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में सुक्खू ने कहा, 'हमने वित्त सचिव से बात की है. एक रणनीति के तहत हम जानते हैं कि हमें कहां से धन का सृजन करना है और हमें कहां निवेश करना है. हमने पुरानी पेंशन योजना शुरू करने पर काम किया है और हम इसे कैबिनेट की पहली बैठक में पेश करेंगे.'
मुख्यमंत्री बनते ही एक्शन में सुखविंदर सिंह सुक्खू
अपने मंत्रिमंडल के विस्तार के बारे में पूछे जाने पर, सुक्खू ने कहा कि यह जल्द ही होगा. उन्होंने कुछ विधायकों द्वारा मंत्री पद के लिए लामबंदी किए जाने संबंधी खबरों का खंडन किया. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने विधानसभा की 68 में से 40 सीट पर जीत दर्ज की है. पार्टी ने सुक्खू (58) को मुख्यमंत्री नियुक्त किया. मुख्यमंत्री पद की दौड़ में पार्टी की राज्य इकाई की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और मुकेश अग्निहोत्री समेत कुछ अन्य दावेदार भी शामिल थे. हमीरपुर जिले के नदौन से चार बार के विधायक सुक्खू ने 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
पुरानी पेंशन स्कीम पर कर दिया ये बड़ा ऐलान
वहीं, अग्निहोत्री ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई में अंदरूनी कलह की खबरों को खारिज किया, लेकिन स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री पद के लिए होड़ थी. उन्होंने कहा, 'होड़ मुख्यमंत्री पद के लिए थी, पार्टी के भीतर कलह नहीं है. तीन-चार लोग मुख्यमंत्री बनना चाहते थे. आप देख सकते हैं कि अब तक हमने कैबिनेट विस्तार नहीं किया है. अगर कुछ गलत होता तो राजस्थान जैसी स्थिति हो जाती.'
दावेदारों में थे कई नाम
राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को 2020 में उपमुख्यमंत्री एवं पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष सचिन पायलट और कुछ अन्य विधायकों के विद्रोह का सामना करना पड़ा था. हालांकि, कांग्रेस ने तब स्थिति को शांत करने में कामयाबी हासिल की थी, लेकिन तब से दोनों गुटों में तनातनी चल रही है. सुक्खू ने विपक्षी दल भाजपा पर इन खबरों को लेकर भी निशाना साधा कि कांग्रेस के कुछ विधायक उससे हाथ मिला सकते हैं. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस का कोई सदस्य पार्टी नहीं छोड़ेगा.' उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने भाजपा के 'कुशासन' के खिलाफ मतदान किया है.
'कांग्रेस का कोई सदस्य पार्टी नहीं छोड़ेगा'
सुक्खू ने आगे कहा, राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी की 'भारत जोड़ो यात्रा' की सराहना की और कहा कि पैदल मार्च का उद्देश्य लोगों को एकजुट करना और धर्म और जाति के नाम पर समाज में फैलाई जा रही नफरत को दूर करना है. सुक्खू ने पार्टी की जीत के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को श्रेय दिया और प्रभावी प्रचार रणनीति तैयार करने के लिए पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाद्रा की भी प्रशंसा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार लोगों के कल्याण के वास्ते काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और विधानसभा चुनाव में लोगों से किए गए 10 वादों को पूरा करेगी.
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