`सरकार किसी शख्स को बचाने की कोशिश क्यों कर रही?`, संदेशखाली केस में TMC को SC से झटका
कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. बाद में ममता सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित संदेशखाली मामले में तृणमूल कांग्रेस सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने ममता सरकार की ओर से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा CBI जांच के आदेश को चुनौती दी थी. देश की सर्वोच्च अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार को सोमवार को फटकार लगाई है. SC ने कहा कि सरकार किसी शख्स को बचाने की कोशिश क्यों कर रही है?
क्या बोले टीएमसी प्रवक्ता
इस फैसले के बाद टीएमसी प्रवक्ता रिजू दत्ता ने कोर्ट के फैसले पर कहा-सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की संदेशखाली मामले में सीबीआई जांच को दी गई चुनौती से संबंधित याचिका को खारिज कर दिया है. लेकिन, हमें यह समझ नहीं आ रहा है कि बीजेपी इसका जश्न क्यों मना रही है? यह वही बीजेपी है, जिसने बंगाल की अस्मिता से समझौता किया और इन्होंने यौन शोषण के आरोपों में फंसे बृजभूषण शरण सिंह, प्रज्वल्ल रेवन्ना और अमित मालवीय जैसे लोगों को संरक्षण दिया. लेकिन, बीजेपी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जश्न मना रही है?
कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिए थे जांच के आदेश
बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. बाद में ममता सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया था. इस मामले को लेकर बीजेपी लगातार राज्य सरकार के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाए हुए है.
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