त्रिशक्ति प्रहार: खत्म हुआ आर्मी का युद्धाभ्यास, दिखी नए हथियारों की ताकत
अधिकारियों ने बताया कि अभ्यास ने विभिन्न जमीनी और हवाई युद्धक सामग्री के संयुक्त इस्तेमाल को प्रदर्शित किया
नई दिल्ली. थलसेना ने उत्तरी बंगाल में 11 दिन का सैन्य अभ्यास किया, जिसमें इसके सभी महत्वपूर्ण हथियार और इकाइयों को शामिल किया गया. अभ्यास की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने मंगलवार को यह बताया. ‘त्रिशक्ति प्रहार’ अभ्यास में वायुसेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की कई इकाइयां भी शामिल थी. यह अभ्यास 21 से 31 जनवरी तक चला.
अधिकारियों ने बताया कि अभ्यास ने विभिन्न जमीनी और हवाई युद्धक सामग्री के संयुक्त इस्तेमाल को प्रदर्शित किया, जिसमें नई पीढ़ी के लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, टैंक, पैदल सेना के लड़ाकू वाहन, तोपें, मोर्टार के साथ-साथ नई पीढ़ी के विभिन्न हथियार और उपकरण शामिल हैं.
युद्ध तैयारियों का अभ्यास कराना मकसद
उन्होंने बताया कि इसका मकसद नए हथियारों और उपकरणों का इस्तेमाल कर सुरक्षा बलों को युद्ध तैयारियों का अभ्यास कराना था. पिछले साल भी सेना और वायु सेना ने सिलीगुड़ी गलियारे के पास हवाई अभ्यास किया था. सिलीगुड़ी गलियारे की सीमा चीन से लगती है.
अभ्यास की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि इसके तहत समूचे उत्तरी बंगाल में विभिन्न स्थानों पर तेजी से जवानों को इकट्ठा करना और उनकी तैनाती करना का अभ्यास किया गया. ‘तीस्ता फील्ड फायरिंग रेंज’ में ‘एकीकृत फायर पावर’ अभ्यास के साथ यह मंगलवार को संपन्न हो गया.
नए हथियार और उपकरणों ने भी भाग लिया
उनके मुताबिक, अभ्यास में उन नए हथियार और उपकरणों ने भी भाग लिया जिन्हें ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत भारत में ही बनाया गया है और उन्हें हाल में सशस्त्र बलों में शामिल किया गया था. ‘फायर पावर’ समीक्षा पूर्वी कमान के सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने की.
अभ्यास और समन्वय को सक्षम बनाया
'अभ्यास त्रिशक्ति प्रहार' के आयोजन ने पूरे उत्तर बंगाल में बलों की त्वरित आवाजाही और तैनाती के लिए विभिन्न एजेंसियों के बीच अभ्यास और समन्वय को सक्षम बनाया.
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