नई दिल्लीः Union Budget 2024: देश में 18वीं लोकसभा चुनाव की समाप्ति के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार 22 जुलाई को देश का पूर्ण बजट या यूनियन बजट पेश करने जा रही हैं. यह मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्ण बजट होगा. इससे पहले इसी साल फरवरी में वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट पेश किया था. ऐसे में अब सवाल आता है कि आमतौर पर बजट तो वित्तीय वर्ष के हिसाब से पेश किया जाता है लेकिन अबकी बार 5 महीने के भीतर ही दोबारा बजट क्यों पेश किया जा रहा है. आइए जानते हैं. 


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फरवरी में ही पेश हुआ था अंतरिम बजट 
दरअसल, फरवरी 2024 में पेश किया गया बजट मोदी सरकार 2.0 का अंतरिम बजट था. अंतरिम बजट चुनावी साल में पेश किया जाता है, जो तात्कालिक सरकार के आखिरी कुछ महीनों के खर्च और आय का हिसाब होता है. कुल मिलाकर इस साल देश में 18वीं लोकसभा चुनाव होने के वजह से दो बार बजट पेश किया जा रहा है. 


अंतरिम बजट और यूनियन बजट में अंतर 
अब आइए जानते हैं कि आखिर अंतरिम बजट और यूनियन बजट में क्या अंतर है. बता दें कि अंतरिम बजट की पेशकश देश में लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले मौजूदा सरकार द्वारा किया जाता है, जो कि एक अस्थाई बजट होता है. इस तरह के बजट में सरकार के बचे कुछ महीनों के कार्यकाल के दौरान होने वाले खर्च और आय का ब्यौरा होता है. इस तरह के बजट में सरकार कुछ चीजों जैसे की टैक्ट स्ट्रक्चर में बदलाव नहीं कर सकती है. 


बहुमत में आई सरकार पेश करती है पूर्ण बजट 
वहीं, यूनियन बजट या पूर्ण बजट देश में लोकसभा चुनाव के बाद बहुमत में आई सरकार द्वारा पेश किया जाता है. इस तरह के बजट में पूरे एक वित्तीय वर्ष के खर्च और आय का ब्यौरा होता है. इस पर संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा होती है. पूर्ण बजट का संसद की ओर से अप्रूव करना बहुत जरूरी है. पूर्ण बजट वित्त वर्ष के अंत तक यानी 31 मार्च तक वैलिड रहता है. इस बार बजट सेशन 22 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा. 


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