नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पश्चिम बंगाल और असम के संदर्भ में प्रेस को संबोधित किया दोनों ही राज्यों में शनिवार को विधानसभा चुनाव प्रथम चरण के लिए मतदान हुआ था. बंगाल में जहां 80% से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया वहीं असम में 72 प्रतिशत वोट पड़े.



अमित शाह ने किया बड़ा दावा


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पांच राज्यों में एक साथ विधानसभा चुनाव हो रहे हैं लेकिन सबकी नजरें पश्चिम बंगाल पर टिकी हुई है. हर कोई ये जानने को आतुर है कि वहां की जमीनी हकीकत क्या है और पहले चरण में मतदाताओं ने किसके पक्ष में वोट डाले.


साल 2011 में वामदलों को पछाड़कर पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज हुई ममता बनर्जी की टीएमसी जीत की हैट्रिक पूरी कर पाएगी या नहीं.



ऐसे में अमित शाह ने पहले चरण की 30 में से 26 सीट जीतने की बात कहकर सबको चौंका दिया है कि ये 26 सीट राज्य में बीजेपी की 200 से ज्यादा सीटें जीतने के मिशन को पूरा करने की दिशा में पहला कदम है.


दोनों राज्यों में हुई बंपर वोटिंग के बाद गृह मंत्री ने मतदाताओं का आभार जताते हुए इसे दोनों राज्यों के लिए आने वाले समय के लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत बताया.


उन्होंने कहा,'कल(शनिवार) दो राज्यों में 2 चरण का मतदान पूरा हुआ है. मैं भाजपा की ओर से, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी और प्रधानमंत्री जी के ओर से प्रथम चरण के मतदान के लिए दोनों राज्यों की जनता का धन्यवाद देता हूं.'


असम-बंगाल में हुआ शांतिपूर्ण चुनाव: शाह


उन्होंने आगे कहा, पश्चिम बंगाल में 84 प्रतिशत से ज्यादा मतदान और असम में 79 प्रतिशत से ज्यादा मतदान होना बताता है कि जनता में भारी उत्साह है. असम कुछ वर्षों पहले और बंगाल भी पहले चुनावी हिंसा के लिए जाना जाता था.



इस बार दोनों जगह मतदान शांतिपूर्ण हुआ है, किसी भी व्यक्ति की जान कहीं भी नहीं गई है. ये दोनों राज्यों के लिए शुभ संकेत हैं.'


असम के विकास की चर्चा की


असम की भाजपा सरकार द्वारा पिछले पांच साल में किए विकास के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में असम में जो विकास हुआ है, वहां की हमारी सरकार ने जिस प्रकार से अभूतपूर्व विकास किया है, इसको बड़ा जनसमर्थन मिल रहा है. डबल इंजन सरकार का कॉन्सेप्ट असम की जनता को भाजपा के आचरण से समझ में आया है.


बंगाल में जिस प्रकार का घोर निराशा और हताशा का माहौल था. 27 साल के कम्युनिस्ट शासन के बाद बंगाल के लोगों को आशा थी कि दीदी एक नई शुरुआत लेकर आएगी. मगर दल का चिन्ह और नाम बदल गया, लेकिन बंगाल वहीं का वहीं रहा बल्कि और गिरावट आई.



मैं चुनाव आयोग को बधाई देता हूं कि बंगाल में चुनाव आयोग को शांतिपूर्ण मतदान कराने में उन्हें सफलता मिली है.ये कई वर्षों के बाद हो रहा है कि बिना किसी की मृत्यु के, बम धमाकों के बिना, दोबारा मतदान कराए बिना, मतदान प्रक्रिया पूरी हुई है. मैं मानता हूं कि बंगाल में प्रथम चरण में 26 सीटों से जो शुरुआत हुई है, हमारे लक्ष्य 200 पार को सिद्ध करने में हमें बड़ी सरलता रहेगी.


भाजपा 200 से ज्यादा सीटों के साथ बंगाल में सरकार बनाएगी, इसका मुझे और सभी कार्यकर्ताओं को पूर्ण विश्वास है.


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