पालघर मामले पर गृह मंत्री ने महाराष्ट्र सरकार से मांगी रिपोर्ट
16 अप्रैल की रात 2 साधू और उनका ड्राइवर मॉब लिंचिंग के शिकार हो गए. तीनों को महाराष्ट्र के पालघर में चोर बताकर पीट-पीटकर मार दिया गया लेकिन जहां कुछ लोग इसे सांप्रदायिकता से जोड़ रहे हैं तो कुछ इस पर पूरी तरह से जांच की मांग करते नजर आ रहे हैं. जिसके तहत देश के गृह मंत्री ने महाराष्ट्र सरकार से इस घटना की रिपोर्ट मांगी है.
नई दिल्ली: 16 अप्रैल की रात पालघर में हुए मॉब लिंचिंग के बाद सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात कर उनसे रिपोर्ट मांगी है. दोनों की यह बात फोन पर हुई है.
बता दें कि यह दोनों संत स्वामी कल्पवृक्ष गिरि जी, स्वामी सुशील गिरि जी अपने ड्राइवर नीलेश तेलगड़े के साथ लॉकडाउन में फंसे हुए थे. लेकिन इसी बीच ये लोग गुजरात जाने के लिए निकले. करीब 120 किलोमीटर तय करने के बाद जब ये महाराष्ट्र के पालघर पहुंचे तो गांव में इनके चोर होने की अफवाह फैला दी गई. जिसके बाद भारी भीड़ जमा हो गई और भीड़ के हाथों मारपीट कर इनकी हत्या हो गया.
UP सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी की उद्धव से बात
इस घटना ने पूरे देश को शर्मशार कर दिया है. महाराष्ट्र सरकार व प्रशासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं. जिसपर अब गृह मंत्रालय भी सख्त नजर आ रही है. इतना ही नहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे से बात की और घटना के जिम्मेदार तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की बात कहीं है.
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घटना को सांप्रदायिकता से न जोड़ने की कहीं बात
राज्य सरकार ने भी मामले पर कार्रवाई शुरू कर दी है और घटना के बाद 110 लोगों को रविवार को गिरफ्तार किया गया, गिरफ्तार किए गए लोगों में नाबालिग भी शामिल थे. साथ ही उद्धव सरकार ने दो पुलिसवालों को सस्पेंड करने कर दिया है. घटना के बाद महाराष्ट्र सरकार इसे सांप्रदायिकता से नहीं जोड़ रही है बल्कि इसे अफवाह के चलते अंजाम देने की बात कही जा रही है.
उद्धव के बचाव में आए बेटे आदित्य
उद्धव ठाकरे के बचाव में उनके बेटे आदित्य ठाकरे व महाराष्ट्र सरकार में मौजूदा पर्यटन मंत्री उतर आए हैं. आदित्य ने साफ किया कि इस घटना पर सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है और इस प्रकार के अपराधों को कभी माफ नहीं किया जाएगा.