Digital Arrest Murder: अपराध के तरीके दिन पे दिन बढ़ते जा रहे हैं. आज का दौर फोन का है तो साइबर अपराधी इसी माध्यम से लोगों को लूट रहे हैं. देश विदेश में फ्रॉड बढ़ता ही जा रहा है. बात यहां और आगे बढ़ गई है. दरअसल, अब साइबर अपराधियों ने पैसा लूटने व लोगों को अपने जाल में फंसाने का ऐसा तरीका ढूंढा है जो अब जानलेवा हो गया है. आगरा में एक लेडी टीचर की जान चली गई है.


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हम जिस अपराध की बात कर रहे हैं इसे डिजिटल अरेस्ट कहते हैं. दरअसल, यह ऐसा अपराध है, इसमें किसी को फोन करके झूठ बोला जाता है. उसे डराया धमकाया जाता है और वीडियो कॉल व कंप्यूटर के माध्यम से बातचीत की जाती है. ऐसा इसलिए होता है जिससे सामने वाला कहीं और ना जा सके और उसपर दबाव बना रहे.


नया मामला आगरा के शाहगंज अलबतिया का है. जहां सुभाष नगर में रहने वाली मालती वर्मा को साइबर ठगों ने फोन पर कुछ ऐसा कहा, जिससे वह इतना घबरा गई कि कुछ देर में उनकी जान चली गई.


दरअसल, मालती को एक फोन आता है. यहां बता दें कि ये Whatsapp कॉल होती है. नंबर पर DP में किसी पुलिस वाले की वर्दी में कोई शख्स होता है. ठग ऐसा इसलिए करते हैं, जिससे सामने वाले को यकीन हो जाए कि कोई पुलिसवाला है और वह जो कह रहा है वो सच है. लेकिन आपको यहां सावधान रहना है और ऐसे किसी भी फोन पर विश्वास कर खुद को चोट नहीं पहुंचानी है.


साइबर ठगों ने क्या कहा?
तो केस पर वापस आते हैं कि ऐसा एक कॉल आया है और साइबर ठगों ने महिला ने कहा, 'आपकी बेटी सेक्स रैकेट में फंस गई है. उसको पुलिस ने पकड़ लिया है. अभी लिखा-पढ़ी नहीं की गई है. आपकी बदनामी होगी इसलिए फोन किया है. अगर आप चाहती हैं बेटी का वीडियो वायरल ना हो और केस दर्ज ना हो तो तुरंत एक लाख रुपये भेज दीजिए.


अब महिला इतना सुनते ही डर गई व उसे कुछ ना समझ आया. उनके द्वारा बेटे को फोन किया गया और तुंरत बैंक से पैसे निकालकर उस नंबर पर भेजने को कहा गया, जो ठगों ने दिया था. लेकिन बेटा जल्द ही समझ गया कि ये चोर हैं और अपने जाल में फंसा रहे हैं. हालांकि, तब तक देर हो चुकी थी, क्योंकि महिला की तबीयत बिगड़ गई थी. बता दें कि बेटे ने बेटियों से वीडियो कॉल भी कराया. दो बेटियां हैं, जो आगरा में ही थीं, लेकिन घर नहीं थीं. मगर बात होती, उससे पहले महिला को अस्पताल भेजना पड़ा, जहां पहुंचने से पहले ही रास्ते में उनकी मौत हो गई. उन्हें हार्ट अटैक आया था.


अब इससे पता चलता है कि ये डिजिटल अरेस्ट कोई आम चोरी करने का धंधा नहीं बचा है, बल्कि ऐसा अपराध बन गया है, जो लोगों की जान ले रहा है. तो ऐसे में सलाह दी जाती है कि किसी भी ऐसे फेक कॉल पर ध्यान ना दें और अगर फोन उठा भी लें तो घबराकर विश्वास ना करें.


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