नई दिल्लीः UP Assembly Leader of Opposition: हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के बाद से उत्तर प्रदेश की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी खाली थी. पिछले कुछ दिनों से यूपी की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के चेहरे को लेकर राजनीति तेज थी. कयास लगाए जा रहे थे कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल यादव को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त कर सकते हैं, लेकिन सपा प्रमुख ने इस सभी कयासों से अलग हटकर फैसला लिया है और माता प्रसाद पांडेय के नाम पर मुहर लागाई है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

माता प्रसाद पांडे बने नेता प्रतिपक्ष 
उत्तर प्रदेश की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की रेस में इंद्रजीत सरोज, रामअचल राजभर, तूफानी सरोज और शिवपाल यादव का नाम शामिल था. इन सभी नामों से परे सपा प्रमुख ने उत्तर प्रदेश की इटवा विधानसभा सीट से आने वाले माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया है. माता प्रसाद पांडे इससे पहले उत्तर प्रदेश की विधानसभा में दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. 


29 जुलाई को लेंगे नेता प्रतिपक्ष की शपथ 
रिपोर्ट्स की मानें, तो यूपी की विधानसभा में माता प्रसाद पांडे सोमवार 29 जुलाई को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे. माता प्रसाद पांडे की गिनती सपा प्रमुख अखिलेश यादव के करीबियों में की जाती है. रिपोर्ट्स की मानें, तो माता प्रसाद पांडे के नाम के ऐलान से पहले पार्टी ने विधायकों की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में पार्टी के विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष चुनने की जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर छोड़ दी. 


ब्राह्मणों को लुभाने की चली चाल!
इसके बाद पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने माता प्रसाद पांडे के नाम पर अंतिम मुहर लगा दी. पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि अखिलेश यादव अपने पीडीए फॉर्मूले के तहत किसी पिछड़े समुदाय से आने वाले नेता को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकते हैं. लेकिन पार्टी ने अपना फैसला इन सभी कयासों से अलग हट कर लिया है. एक्सपर्ट इसे यूपी में ब्राह्मणों को लुभाने के लिए सपा की ओर से चले गए मास्टर स्ट्रोक के रूप में देख रहे हैं. 


बीजेपी को पहुंचा सकते हैं नुकसान
साथ ही यह फैसला यह भी दिखाता है कि अखिलेश यादव को अपने वोट बैंक पर पूरा भरोसा है. यानी यादव और मुस्लिम जैसे आधारभूत वोट बैंक उनके साथ बने रहेंगे, जब कि दूसरी जातियों के नेताओं को अहम पदों पर बैठाकर अखिलेश अपना वोट बैंक बढ़ा सकते हैं. साथ ही भारतीय जनता पार्टी को अपने फैसलों से आगे आने वाले चुनाव में सीधे नुकसान पहुंचा सकते हैं. 


ये भी पढ़ेंः बिहार में दिलचस्प होगा अगला विधानसभा चुनाव, इस दिन पार्टी बनाएंगे प्रशांत किशोर


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.