Bahraich Wolf Attack Update: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महसी तहसील क्षेत्र के दो दर्जन से ज्यादा गांवों में शाम ढलने के बाद का नजारा किसी हॉरर/थ्रिलर जैसा लगता है. पुरुष लोहे की छड़ें, डंडे और मशालें लेकर पहरा देते हैं और 'जागते रहो' का नारा लगाते हैं, जबकि महिलाएं अपने बच्चों को अपनी साड़ियों से बांधकर सोती हैं.


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घाघरा नदी के तराई क्षेत्र में बसे करीब 30 गांवों के लोग अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए पिछले डेढ़ महीने से रातों की नींद हराम कर रहे हैं. दिन में भी बच्चों को घर से बाहर निकलने से रोका जा रहा है, जिससे स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम हो गई है.


इस आतंक का कारण भेड़िए हैं, जिन्होंने मार्च 2024 से अब तक नौ लोगों को मार डाला है. इनमें 1 से 8 वर्ष की आयु के ज्यादातर बच्चों ने अपनी जान गंवाई है. नौ मौतों में से सात पिछले 40 दिनों (17 जुलाई से 26 अगस्त) में हुई हैं. वहीं, बहराइच के महसी तहसील के अंतर्गत आने वाले हरदी और खैरीघाट थाना क्षेत्रों में भेड़ियों ने 50 अन्य लोगों पर हमला करके उन्हें घायल कर दिया है.


क्यों कर रहे भेड़िए हमला?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वन्यजीव विशेषज्ञ बहराइच के मामले में मानते है कि किसी कारण से एक भेड़िया लंगड़ा हो गया है और वह आसानी से अपना नियमित शिकार नहीं कर पा रहा है इसलिए उसने आसान शिकार के रूप में इंसानी बच्चों को चुना. ऐसा इसलिए क्योंकि इनके शिकार में उसको कम मेहनत लगेगी.


बहराइच में वन विभाग की टीमों का नेतृत्व कर रहे बाराबंकी के प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप बधावन ने बताया कि अभी जो हमने पैरों के निशान देखें हैं उनमें एक भेड़िए के पैर में कोई दिक्कत पाई गई है जिसकी वजह से वह सही से चल नहीं पा रहा है और आसानी से शिकार करने में भी परेशानी हो रही है. इसलिए वह आसान शिकार की तलाश में है.


एक इंसानी शिकार के बाद खूंखार हुआ
जानकार कहते हैं कि एक बार इंसान का शिकार करने के बाद भेड़िया नरभक्षी हो जाता है. इसके बाद उसे इंसान जैसे आसान शिकार की आदत हो जाती है. जैसे कि भेड़िया अपने झुंड के साथ रहता है तो एक के साथ अब कई जुड़ गए हैं और आंतक फैला रहे हैं. बता दें कि महसी जैसे इलाके में घरों में दरवाजे तक नहीं है. इसलिए भी भेडिए आसानी से बच्चों को सोते हुए लेकर भाग जाते हैं.


क्या है भेड़िए के शिकार का तरीका?
गूगल पर दी गई जानकारी के अनुसार, भेड़िये मूस और कारिबू जैसे बड़े जानवरों का शिकार करते हैं. शिकार पर हमला करते समय, भेड़िया आमतौर पर कंधों और पार्श्वों पर काटता है, लेकिन शिकारी हमलों के दौरान सिर और चेहरे पर भी काट सकता है. कुछ भेड़िए शिकार को नाक से पकड़ते हैं, जबकि अन्य पीछे से आते हैं.


शिकारी हमलों के दौरान, भेड़िए अपने शिकार को घसीट कर ले जाते हैं, कभी-कभी 2.5 किमी दूर तक. भेड़ियों द्वारा अन्य बड़े जानवरों की तुलना में मनुष्यों पर हमला करने की संभावना कम होती है और जंगली भेड़िए आम तौर पर लोगों से डरते हैं और भाग जाते हैं. हालांकि, भेड़िये लोगों और पालतू जानवरों पर भी हमला कर सकते हैं, जैसा हम देख भी रहे हैं. और फिर वहीं अगर वे इंसानी शरीर का शिकार कर लें तो वे लोगों के आदी हो जाते हैं.


भेड़िए से बचने का तरीका
यदि आप किसी भेड़िए का सामना करते हैं, तो बचने के लिए आप ये सुझाव आजमा सकते हैं:


भागे नहीं
भेड़िए भागते हुए शिकार का शिकार करते हैं, इसलिए यदि आप नहीं भागेंगे, तो वे आपका पीछा नहीं करेंगे.


पीठ ना दिखाएं
आंखों से देखते रहे और धीरे-धीरे पीछे हटते जाएं, जबकि खुद को खतरनाक व बड़ा दिखाएं.


आक्रामक तरीके से काम करें
अपनी जगह पर डटे रहें और जो भी मिल सके, जैसे कि लाठी, पत्थर या कुछ और, उससे लड़ें. यदि आवश्यक हो तो आप एयर हॉर्न या भालू स्प्रे या फायर आर्म्स जैसे शोर करने वाले उपकरणों का भी उपयोग कर सकते हैं.


एक साथ ग्रुप बनाएं
यदि आप एक समूह में हैं, खासकर बच्चों, बुजुर्गों या घायल लोगों के साथ, तो उनके साथ केंद्र में एक साथ समूह बनाने का प्रयास करें.


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