लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का दंगल सजने लगा है. ऐसे में पॉवर को लेकर जोड़-तोड़ वाला खेल भी शुरू हो गया है. सीटों पर अपनी मिल्कियत साबित करने और वोटों पर कब्जा जमाने की रस्साकसी के बीच 
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की ओर से बड़ा बयान आया है. 


यह दिया फॉर्मूला


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सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने उत्तर प्रदेश के लिए सत्ता के बंटवारे के लिए गजब ही फॉर्मूला दे दिया. उन्होंने कहा है कि अगर 2022 के विधानसभा चुनाव में उनकी दस पार्टी भागीदारी संकल्प मोर्चा सत्ता में आती है, तो हर साल एक नया मुख्यमंत्री होगा, जो एक अलग-अलग जाति का प्रतिनिधित्व करेगा. 



उनके इस बयान पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, वहीं सत्ता के गलियारे में इस बयान को 'अजीबो-गरीब प्रस्ताव' कहा जा रहा है. 


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कहा- सहज बहुमत से जीतेगा मोर्चा


राजभर ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि उनका मोर्चा सहज बहुमत से जीतेगा. उन्होंने कहा- मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि गरीबों और दलितों के बीच हर प्रमुख जाति समूह को सत्ता में हिस्सा मिले. मुझे खुद सभी पदों पर रहने और दूसरों को वंचित करने में कोई दिलचस्पी नहीं है.


आम्बेडकर से की तुलना


एक मीडिया बातचीत में ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि बाबासाहेब अम्बेडकर के बाद, मैं कैबिनेट मंत्री के रूप में इस्तीफा देने वाला दूसरा व्यक्ति हूं. लोग विधायक, सांसद या मंत्री बनने के लिए चुनाव लड़ते हैं, लेकिन मैं गरीबों के अधिकारों के लिए सत्ता में रहते हुए भी मुख्यमंत्री के साथ लड़ता रहा. 


लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ थे राजभर


SBSP,पिछले साल के लोकसभा चुनाव तक भाजपा नीत गठबंधन का हिस्सा थी, अब 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए मोर्चा के रूप में लड़ रही है. उत्तर प्रदेश में भी 403 विधायकों वाले एक सदन में पार्टी के चार विधायक हैं.


भाजपा ने दी प्रतिक्रिया


दूसरी तरफ SBSP के इस बयान पर भाजपा की तरफ से प्रतिक्रिया आई है. यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने कहा, 'सपने देखिये पर मुंगेरी लाल के सपने न देखें राजभर.'



मोहसिन रजा ने कहा कि विभिन्न छोटे-छोटे दलों से मिलकर राजभर और ओवैसी हर साल नए सीएम और 4 डिप्टी सीएम बनाएंगे, उत्तर प्रदेश की जनता इन दलों के दलदल में नहीं फंसेगी. 


एक नजर संकल्प मोर्चा पर


भागीदारी संकल्‍प मोर्चा छोटी-छोटी पार्टियों का मंच है. इसमें ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा (SBSP) और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM, कृष्णा पटेल के नेतृत्व वाली अपना दल और पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के नेतृत्व वाली जन अधिकार मंच के साथ कई छोटी-छोटी पार्टियां शामिल हैं. 


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