यूपी : धर्मातरण के मामले में पहली बार सजा, मुस्लिम युवक को इतने साल की हुई जेल
उत्तर प्रदेश धर्मातरण निषेध अधिनियम, 2021 लागू होने के बाद पहली बार इस कानून के तहत सजा सुनाई गई है. अमरोहा की एक अदालत ने एक 26 साल के बढ़ई को पांच साल की जेल की सजा सुनाई है.
अमरोहा: उत्तर प्रदेश धर्मातरण निषेध अधिनियम, 2021 के तहत पहली बार सजा सुनाई गई है. दोषी ठहराए जाने पर अमरोहा की एक अदालत ने एक 26 साल के बढ़ई को पांच साल की जेल की सजा सुनाई है.
नए कानून के तहत पहली सजा
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, अभियोजन आशुतोष पांडे ने पुष्टि की कि दिसंबर 2021 में नए कानून लागू किए जाने के बाद से अमरोहा अदालत द्वारा नए कानून के तहत पहली बार सजा सुनाई गई है. अमरोहा की अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (पॉक्सो कोर्ट), कपिला राघव ने शनिवार को अफजल को पांच साल की जेल की सजा और 40,000 रुपये का जुर्माना लगाने की घोषणा की.
क्या है पूरा मामला
हसनपुर पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी गजेंद्र पाल सिंह ने कहा कि 4 अप्रैल, 2021 की यह घटना है. अमरोहा पुलिस ने अफजल को दिल्ली से गिरफ्तार किया था और उत्तर प्रदेश के धर्मातरण विरोधी कानून के तहत एक अन्य समुदाय की 16 वर्षीय लड़की के अपहरण के आरोप में मामला दर्ज किया था.
लड़की के पिता का आरोप
सिंह ने कहा, "लड़की के पिता, जो एक पौधे की नर्सरी चलाते थे, ने दावा किया था कि उनकी बेटी काम के लिए घर से निकली थी, लेकिन वापस नहीं आई. उन्होंने पुलिस को यह भी बताया था कि दो स्थानीय लोगों ने उसे एक युवक के साथ देखा था." लड़की के परिवार ने बताया था कि उन्हें पता था कि लड़की अफजल के नियमित संपर्क में थी, जो पौधे खरीदने के लिए उसके पिता की नर्सरी में जाता था. पुलिस ने तब अफजल के खिलाफ मामला दर्ज किया और उस पर अपहरण का आरोप लगाया और धर्मातरण विरोधी कानून लागू किया.
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